रांची: आप शादी कर लें, सरकार बाद में आपकी शादी पर मुहर लगायेगी. क्योंकि, अभी शादी का निबंधन पूरी तरह से बंद है. निबंधन बंद करने का निर्णय कोविड-19 को लेकर लिया गया है.
अभी फिलहाल जमीन की रजिस्ट्री का कार्य छोड़ दूसरा कोई कार्य नहीं हो रहा है. इस संबंध में सरकार ने स्पष्ट तौर पर गाइडलाइन भी जारी कर दिये हैं.
हालांकि, केंद्र सरकार के आदेश पर अनलॉक-1 में झारखंड सरकार ने शादी की अनुमति दे दी है. इस नए नियम के तहत राज्य में अनलॉक-1 या लॉकडाउन-5 में किसी विवाह कार्यक्रम में 50 से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकेंगे. लेकिन, शादी के निबंधन के लिए दूल्हा -दुल्हन को थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा.
जानकारी के अनुसार शादी के निबंधन की प्रक्रिया अगले माह के अंत तक शादी का निबंधन शुरू होने की संभावना है. इस बारे में विभाग से गाइडलाइन मांगी गयी है.
लॉकडाउन होने के साथ ही शादी के निबंधन की संख्या घट गयी:
कोविड-19 को लेकर देश में हुए लॉकडाउन के साथ ही शादी के निबंधन की संख्या भी घट गयी. लॉकडाउन के दरम्यान थोड़े दिन तक तो 7-8 शादी के निबंधन हो रहे थे. जब लॉकडाउन चरम पर आया तो यह निबंधन सीधे घटकर तीन से चार हो गये.
शादी के निबंधन शुल्क:
शादी के दो माह के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. इसके लिए पांच सौ रुपये शुल्क निर्धारित है. अगर निर्धारित समय के बाद शादी का निबंधन कराने वालों को 750 रुपये देना होगा.
शादी के निबंधन की क्या है प्रक्रिया:
विवाह निबंधन के लिए ई-निबंधन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन देना होगा. इसके साथ पक्षकारों का नाम, फोटो, आयु, निवास स्थान, व्यवसाय, विवाह की तिथि, विवाह का स्थान, मोबाइल संख्या आदि की भी जानकारी देनी होगी.
ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों के आवेदन स्थानीय मुखिया, सरपंच, किसी राजपत्रित पदाधिकारी अथवा सक्षम प्राधिकार से प्रमाणित कराने होंगे.
विवाह निबंधन के क्या हैं लाभ:
विवाह का निबंधन कराए जाने से बाल विवाह पर अंकुश लग सकेगा. अगर लड़का 21 और लड़की 18 की नहीं हुई तो उसका निबंधन नहीं हो सकेगा.
अगर शादीशुदा जोड़े को विदेश जाना पड़े तो उसे निबंधन प्रमाणपत्र के लिए अलग से जद्दोजहद नहीं करनी होगी. अगर किसी कारणवश किसी व्यक्ति के पति अथवा पत्नी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सकेगी.