रांची: झारखंड के रामगढ़ जिले के बंजारी गांव के रहने वाले राजीव पोद्दार अमेरिका में नौकरी कर रहे थे. इसी दौरान उनके मन में अपने देश में खेती करने जज्बा ऐसा मन में छाया की वे अमेरिका में अपनी अच्छी नौकरी को छोड़ अपने देश लौटने को मजबूर हो गए.
अब राजीव ने अपने गांव बंजारी में 6 एकड़ की जमीन मे कृषि विज्ञान केंद्र, रामगढ़ के वैज्ञानिकों द्वारा दिये गए तकनीकी सहयोग से ऑर्गेनिक खेती के साथ- साथ समेकित कृषि प्रणाली के रूप में सब्जी उत्पादन, फल, मछली पालन, डेरी, मशरूम उत्पादन करना शुरू किया है. जहां कोरोना से बचाव के लिए पूरे भारत में लॉकडाउन है.
वहीं राजीव पोद्दार अपने किए गए निश्चय को सफल करने में लगे है. बंजर पड़ी 6 एकड़ की जमीन को कृषि योग्य बना कर किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके है.
3 महीनों की कड़ी मेहनत एवं कृषि विज्ञान केंद्र रामगढ़ के वैज्ञानिकों की तकनीकी सहयोग एवं मार्गदर्शन में उन्होंने समेकित कृषि के रूप में सब्जी की खेती की है जिसमें भिंडी, लौकी, मक्का, करेला, झिंगी, नेनुआ इत्यादि लगाकर वे अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं. इसके साथ खेत में उपजाई गयी सब्जियों को नजदीकी बाजार में बेचकर लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र, रामगढ़ के प्रभारी डॉ. दुष्यंत कुमार राघव के साथ केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. धर्मजीत खेरवार, प्रक्षेत्र प्रबंधक सनी कुमार, केंद्र के मौसम विभाग के शशिकांत चौबे ने राजीव पोद्दार के प्रक्षेत्र भ्रमण किया और राजीव पोद्दार द्वारा लिए गए निर्णय की सराहना की.
उन्होंने राजीव द्वारा किये जा रहे कार्यों के लिए उचित तकनीकी जानकारी देते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया गया. केंद्र के प्रभारी डॉ. दुष्यंत कुमार राघव ने जैविक कृषि की महत्वता एवं उपयोगिता, कीट एवं रोग प्रबंधन के लिए जैविक उपचार और कृषि के अन्य क्रियाकलापों के बारे में बताते हुए उन्हें हमेशा केंद्र से जुड़े रहकर कृषि की नई तकनीक तथा कृषि से संबंधित समस्याओं के बारे में निदान के लिए हमेशा संपर्क बनाए रखने को कहा.
उन्होंने केंद्र में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के बारे में राजीव पोद्दार को बताया तथा उन्हें इस सेवा के व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल किया, जिससे अब उन्हें मौसम की अग्रिम पूर्वानुमान की जानकारी तथा कृषि संबंधी सलाह बुलिटिन सप्ताह में 2 दिन मंगलवार और शुक्रवार को मिलेगी जो कि उनके कृषि कार्य में और सहयोगी साबित होगी.