रांची : मॉनसून सत्र का तीसरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. सदन में जयश्रीराम का नारा गूंजा. झामुमो विधायकों ने वनाधिकार अधिनियम संशोधन के मामले में कांग्रेस और झामुुमो विधायक वेल में घुस कर जमकर नारेबाजी की. हंगामे के कारण पहली पाली में स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की. बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही, झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी ने भारतीय वन कानून 1927 में संशोधन का मामला रखा है, कहा कि राज्य सरकार इससे अपना स्टैंड क्लीयर करे. क्योंकि संशोधन से वनाधिकार कानून 2006 पर भी प्रभाव पड़ेगा.
पूरे देश में असंतोष का माहौल है. इसके तहत वन अधिकारियों को सशस्त्र बल के साथ तैनात करने का अधिकार दे दिया गया है. इसके बाद 11:14 बजे झामुमो विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि सारी चीजें आ रही है, और पार भी हो जा रही हैं फिर भी सरकार चुप बैठी है. कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि 13 लाख आदिवासी विस्थापित हो जाएंगे. सरकार का दायित्व है कि इन चीजों को सामने रखे.
गजब की स्थिति है : स्पीकर
झामुमो विधायकों के हंगामे को देख स्पीकर ने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. गजब की स्थिति है. आप खुद कह रहे हैं कि कोर्ट में सुनवाई चल रही है, यह जबरदस्ती है. स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि सभी को सीट पर बिठाएं. जिस तरह से सदस्यों का व्यवहार है। आपलोग हाउस को हाईजैक करना चाहते हैं। कोई भी चीज सिस्टम में होना चाहिए. इसके बाद भी नेता प्रतिपक्ष नहीं माने और कहा कि इस मामले में सरकार अपना स्टैंड क्लीयर करे. 11:18 बजे कांग्रेस और झामुमो विधायक वेल में घुसकर नारेबाजी करने लगे. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग हाईजैक करना चाहते हैं. झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि सरकार स्टैंड क्लीयर करे. हमलोग यह जानना चाहते हैं, कि सरकार प्रोटेक्श्न देगी या नहीं. हित की रक्षा के लिए तो बात उठा ही सकते हैं.
स्पीकर और हेमंत सोरेन आमने-सामने:
हंगामा होता देख स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन से कहा कि फालतू बात कर रहे हैं. जब कोर्ट में सुनवाई होनी है, तो किस परिस्थिति में कार्यस्थगन प्रस्ताव आया. जब कार्यस्थगन की सूचना स्थगित हो गई तो क्या बहस हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट के आधार पर क्या यहां चर्चा हो सकती है? इस पर विचार करना चाहिए. इस पर हेमंत ने कहा कि मैं क्या फालतू बात कर रहा हूं, कौन सा कोर्ट का अवमानना किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को लताड़ा था और कानून में वन पदाधिकारी को गोली मारने का आदेश है. उस ड्राफ्ट पर राज्य सरकार का क्या मंतव्य है यही तो जानना चाह रहे हैं, इसके बाद भी हंगामा जारी रहा. स्पीकर ने दोपहर 12:30 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
स्कूली बच्चे और बच्चियां आपकी करतूत देख रहे हैं: स्पीकर
स्पीकर दिनेश उरांव नेता प्रतिपक्ष सहित झामुमो विधायकों से कहा कि सिस्टम में अपनी बात रखें. दबाव की राजनीति न करें, दशर्क दीर्घा में मौजूद स्कूल के बच्चे और बच्चियां आपकी करतूत देख रहे हैं. शिक्षा से संबंधित विषय भी आने थे, लेकिन ऐसा करना सही नहीं है. इस पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि झामुमो के करतूतों को देख रहे हैं और भाजपा विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा कि साढ़े तीन साल सदन को बाधित किया, विपक्ष को संरक्षण नहीं दिया जाए. राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि जो मामला सुप्रीम कोर्ट में है उसकी चर्चां सदन में नहीं हो सकती. नेता प्रतिपक्ष को सुप्रीम कोर्ट पर भी भरोसा नहीं है. हंगामा होता देख स्पीकर ने दोपहर 12:39 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
सदन में गूंजा जय श्रीराम का नारा :
झामुमो विधायकों के हंगामे के बीच सत्ता पक्ष की ओर से जयश्री राम का नारा भी लगाया गया. नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, विधायक विरंची नारायण ने भी जय श्रीराम के नारे लगाएं. इस मसले पर मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्म श्रीराम का नाम लें तो भक्ति और श्रद्धा का भाव होना चाहिए, उपहास के लिए नहीं. अमर बाउरी ने कहा कि नारे विपक्ष की ओर से भी लगाए गए. पौलुस सुरीन ने कहा कि जय श्रीराम नहीं चलेगा. प्रतिवाद के रूप में सत्ता पक्ष की ओर से नारे लगाए गए. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि श्रीराम सबके हैं, सिर्फ बीजेपी के राम नहीं हैं. भाजपा की नौटंकी चालू हो गई है, बंगाल जैसा झारखंड में भी माहौल बनाना चाहते हैं.