दिल्ली: कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने पर दुनियाभर में ‘वर्क फ्रॉम होम’ की शुरुआत हुई. हालांकि, अब कर्मचारियों के लिए यह परेशानी का सबब साबित हो रहा है.
कर्मचारियों का कहना है कि काम के घंटे तय न होना, लगातार वीडियो बैठक और लॉकडाउन के चलते काम के बेहतर विकल्पों की कमी तनाव का कारण बन रही है.
कर्मचारियों ने कहा कि ‘वर्क फ्रॉम होम’ की वजह उनके निजी और ऑफिस जीवन में कोई अंतर नहीं बचा है. इन सभी चीजों के चलते वे ऑफिस के माहौल में लौटना चाहते हैं.
दरअसल, हाल ही में, अमेरिकी रियल एस्टेट फर्म जेएलएल ने कर्मचारियों के घर पर काम करने को लेकर पैदा हुए एक नए माहौल पर सर्वे किया.
इस सर्वे में सामने आया कि 82 फीसदी लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द वे ऑफिस के माहौल में लौटें. वे चाहते हैं कि उनका जीवन कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट जाए. वहीं, 18 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें घर से काम करने में कोई परेशानी महसूस नहीं हो रही है.
सर्वे में एक दिलचस्प बात यह निकलकर आई कि 54 फीसदी कर्मचारियों ने माना कि जो चर्चा ऑफिस के माहौल में की जाती है, उसकी तुलना डिजिटल चर्चा से नहीं की जा सकती है.
उनका कहना है कि ऑफिस में आमने-सामने होने वाली चर्चा से बेहतर परिणाम निकलता है. वहीं, 41 फीसदी कर्मचारियों ने माना कि घर से काम करने में पेशेवर माहौल की कमी होती है.
दूसरी तरफ, वर्क फ्रॉम होम के चलते ऑफिस में होने वाली बैठक की जगह ऑनलाइन बैठक ने ले ली है. हाल ही में, इतनी ज्यादा ऑनलाइन बैठक हुई कि इसका एक रिकॉर्ड बन गया.