नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नए सब्सक्राइबर्स संख्या के अनुसार, वर्ष 2019-20 के दौरान एक साल पहले के मुकाबले कम लोगों को नौकरी मिली है.
वित्त वर्ष 2019-20 में ईपीएफ सब्सक्राइबर की संख्या 17.8 लाख घटी और यह 94.7 लाख रही. एक साल पहले यह संख्या 1.12 करोड़ों रही थी.
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में नए ईपीएफ सब्सक्राइबर की संख्या में गिरावट आई है.
वित्त वर्ष 2018-19 में कुल नए ईपीएफ सब्सक्राइबर की संख्या 1.12 करोड़ थी. 2019-20 में यह आंकड़ा घटकर 94.7 लाख रह गया. इसमें 17.8 लाख की गिरावट दर्ज की गई है.
यानी नए रोजगार की संख्या में कमी आई है. रिपोर्ट के अनुसार आंकड़ों की यह सही तस्वीरें नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के आंकड़ों में नौकरी से बाहर निकलने वाले सदस्यों की संख्या भी शामिल है और नौकरी छोड़ने वाले ज्यादातर व्यक्ति फिर से कहीं काम करने लगते हैं.
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आलोच्य अवधि में पहली नौकरी पाने वालों की संख्या एक साल पहले से भी कम है. अगर ईपीएफओ के नए सब्सक्राइबर्स में फिर नौकरी पकड़ने वालों की संख्या को घटा दीया जाए, तो वर्ष 2019 में नए पैरोल की संख्या 7.80 लाख ही थी, जो कि एक वर्ष पहले के मुकाबले 28.90 लाख कम है.