नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को पुलिस से ‘जुगाड़ रिक्शा’ पर कार्रवाई करने को कहा। जुगाड़
रिक्शा को पुराने स्कूटर व पैडल रिक्शा के बेकार भागों से बनाया जाता है।
मुख्य न्यायाधीश डी.एन.पटेल व न्यायमूर्ति सी.हरिशंकर की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस से जरूरी कार्रवाई करने को कहा।
अदालत शिव कुमार द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसे वकील राजदीपा बेरुआ ने दाखिल किया था।
इसमें जुगाड़ रिक्शा को अनुमति नहीं देने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी।
इनका वर्तमान रूप में सड़कों पर चलना मोटर वाहन अधिनियम 1988 का उल्लंघन है।
इस याचिका में इस तरह के वाहनों के चलने को नियंत्रित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
इस फैसले का असर झारखंड और बिहार में प्रभावी रूप से पर सकता है। झारखंड और बिहार में जुगाड़ रिक्शा भारी मात्रा में चलाए जाते है। जुगाड़ रिक्शा पर ढुलाई के साथ साथ यातायात के साधनों के रूप में भी धड़ल्ले से प्रयोग किया जाता है जो कि पूरी तरह से अनसेफ और इल्लीगल है।