दिल्ली: पूरी दुनिया जहां इस समय कोरोना वायरस महामारी से उबर भी नहीं पाई है कि चीन में शोधकर्ताओं को एक नए प्रकार के स्वाइन फ्लू का पता चला है.
जो महामारी का रूप लेने में सक्षम है. ऐसा अमेरिकी विज्ञान पत्रिका पीएनएएस में सोमवार को प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है. इसे जी-4 नाम दिया गया है. यह आनुवंशिक रूप से एच1एन1 का ही एक रूप है जो 2009 में महामारी का कारण बना था.
जी-4 बहुत ज्यादा संक्रामक वायरस है. यह मानव कोशिकाओं में प्रतिकृति और अन्य वायरस की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण पैदा करता है. परीक्षणों से यह भी पता चला है कि मौसमी फ्लू के संपर्क में आने से मनुष्य की प्रतिरक्षा उसे जी-4 से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है.
रक्त परीक्षणों के अनुसार, वायरस के संपर्क में आने के बाद संक्रमितों के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी में से 10.4 प्रतिशत पहले से ही संक्रमित पाए गए थे.
यह वायरस जानवरों के जरिए इंसानों में पहुंचा है, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह इंसान से इंसान में फैल सकता है. वैज्ञानिक इसे लेकर काफी चिंतित हैं.
शोधकर्ताओं ने लिखा, ‘यह चिंता का विषय है कि जी-4 वायरस का मानव संक्रमण अनुकूलन इसे आगे और महामारी के जोखिम को बढ़ाएगा.’ लेखकों ने सूअरों के साथ काम करने वाले लोगों की निगरानी करने के लिए तत्काल उपायों का आह्वान किया है.