प्रियरंजन,
बिहार: फरछहिया–रमनगरा पथ को 12 माह में कार्य पूरा करना था,9 माह बाद कार्य प्रारम्भ भी नहीं किया गया.
सोनबरसा प्रखंड में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क संपर्क योजना के अंतर्गत सोनबरसा एनएच 77 टू लेन फरछहिया से कन्हौली थानाक्षेत्र अंतर्गत रमनगरा रसलपुर गांव के बीच 2.50 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 18164489 रुपये की लागत से कराया जाना है.
बिहार सरकार ग्रामीण सड़क सम्पर्क योजना से बनने वाली इस पथ को बीते वर्ष 18 सितम्बर को प्रारम्भ कर 17 सितम्बर 2020 तक कार्य पूर्ण कर लेना था. इस सड़क का वर्षो तक अनुरक्षण के लिए 1798676 रुपये की राशि भी अलग से देय है.
हैरत इस बात की है कि सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए मात्र तीन माह का समय बचा है, उपर से वर्षा तीव्र रफ्तार पर है, बाढ़ कभी भी कहर बरपा सकता है. ऐसे में अब यह सड़क समय रहते बनने की कोई उम्मीद दूर दूर तक दिखलायी नहीं दे रही है.
लोगों ने मीडिया तक पहुंचाई अपनी बात
लोगों की तकलीफों को जिम्मेदारों तक पहुंचाने के लिए मीडिया की टीम उक्त पथ पहुंची, जहां की बदहाल व खतरनाक दृश्य जनता के दर्द को बखूबी बयां करने को काफी थे.
फरछहिया तक की सड़क वर्षा में बदहाल है, कहीं जलजमाव तो कहीं कीचड़ से जनता बेहाल नजर आयी. सड़क की बदहाली और परेशानी से आम जनता ने इसके लिए उदासीन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के प्रति भी नाराजगी जताई.
लोगों ने कहा
साहब, हर वर्ष ठेकेदारों का यही खेल है, सड़के बनती नहीं या मरम्मत होती नहीं, इस बीच बाढ़ आ जाती है और फिर बाढ़ के बाद कागजों पर बनी हुई ये सड़क बाढ़ के पानी में ध्वस्त भी हो जाती है, और इससे जुड़े लोगों के लिए ऐसी सड़के मलाईदार बन कर रह जाता है.
बाढ़ के बाद विभिन्न उजड़े हुए सड़कों के मंजर में कागजों पर बनाए गए सड़क बाढ़ का शिकार दर्शा दिया जाता है ऐसा स्थानीय ग्रामीण कहते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से पहले वक्त रहते सड़के नहीं बनाई जाती है लेकिन जो भी सड़के बनती है वह बाढ़ के समय बनाया जाता है. एक ट्रैक्टर मैटेरियल को कई ट्रैक्टर मैटेरियल दर्शा दिया जाता है.
यह घोटालों का खेल है यह आज से नहीं वर्षों से चलता आ रहा है, जनता बेवकूफ बनती आ रही है. हर वर्ष सड़क का मेंटेनेंस होता है.
पिछले वर्ष भी बाढ़ आयी थी, सभी सड़कों को दुरुस्त कर लेने की बात कही गई थी, लेकिन आप आज भी जाकर देखिए उन सड़कों का हाल क्या है. फिर बाढ़ आएगी फिर लूट मचेगा यह तब तक चलेगा जब तक जनता जागरूक होकर इन जिम्मेदारों को सबक नहीं सिखाती है
सड़क निर्माण के संबंधित जिम्मेदारों का खौफ वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि के चेहरे पर भी नजर आया खौफ कहे या शीशे के घर में बैठे होने का एहसास क्योंकि पंचायत में भी कितना घोटाला है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है . बार बार पूछने पर भी मुखिया ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया यहां तक कि ग्राउंड पर आना भी मुनासिब नहीं समझा .
उनकी जवाबदेही बनती है कि सड़क दुरुस्त करने में अपना योगदान करें लेकिन उनकी चुप्पी बहुत कुछ दर्शाने को काफी है .
ठेकेदार को विभागीय डर नहीं, कहीं ना कहीं ऐसे ठेकेदार विभाग को अपने पॉकेट में समझते हैं जहां अपनी मनमानी करते हैं .
राजद युवा नेता बाल्मीकि यादव ने कहा
जनता को सजग होना होगा, ठेकेदार और अधिकारियों की मनमानी तभी समाप्त होगी जब जनता जागरूक होगी. इस मामले को जोर शोर से उठाएंगे.
कनीय अभियन्ता सर्वेश कुमार ने कहा
संवेदक को कई बार कहा जा चुका है, लिखित और मौखिक, कहा गया है, पारिवारिक परेशानी के कारण वह कार्य प्रारम्भ नहीं कर सका है, उससे फिर पूछा जाएगा. फिलहाल इस सड़क पर टुकड़ा इत्यादि रख कर जल जमाव वाले जगह पर चलने लायक बना दिया जाएगा.