रांची: सरकार के आदेश के बाद भी निजी स्कूल सभी प्रकार का फीस लेने का काम कर रहे हैं. स्कूलों की ओर से अभिभावकों को मैसेज भेजकर पैसे जमा करने को कहा जा रहा है. अभी भी स्कूलों के वेबसाइट पर हर तरह की फीस जमा करने का निर्देश दिख रहा है.
कई अभिभावकों की शिकायत इस मामले में झारखंड अभिभावक संघ को मिल रही है. इन्ही सारी शिकायतों को लेकर झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय आज कैराली स्कूल के प्राचार्य सी.एस जैकब से मिले और उन्हें वेबसाइट पर पुरानी सभी प्रकार के शुल्क लिए जाने की शिकायत की.
कैराली के प्राचार्य ने अजय राय को बताया कि उनके स्कूल का वेबसाइट बाहर की कंपनी द्वारा तैयार किया गया है जिसे अपडेट्स करने का काम चल रहा है , स्कूल मैनेजिंग कमिटी ने यह निर्णय लिया है कि राज्य सरकार के 25 जून के आदेश का पूरी तरह से पालन करेगी.
अभिभावकों को केवल ट्यूशन फीस ही जमा करना है. अजय राय ने कहा कि सरकार ने आदेश दिया है कि जो निजी स्कूल ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं, उन्हें ही ट्यूशन फीस लेनी है. वैसे अधिकांश निजी स्कूल ऑनलाइन क्लास के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं. इसी बहाने ट्यूशन फीस की मांग भी कर रहे हैं. स्कूलों ने अपने फीस डिटेल्स में ट्यूशन फीस के साथ-साथ साइंस लैब चार्ज, लाइब्रेरी, कंप्यूटर जैसे वन टाइम लिए जाने वाले फीस भी जोड़ रहे हैं. शहर के दर्जनों स्कूल हैं, जो ट्यूशन फीस में कई मदों की फीस जोड़ कर वसूली का काम कर रहे हैं.
अजय राय ने कहा कि स्कूल तत्काल इसकी सूचना अभिभावकों को एसएमएस के माध्यम से दे ताकि कोई भी अभिभावक जब तक वेबसाइट अपडेट नहीं होता है तब तक वो स्कूल में आकर सिर्फ ट्यूसन फीस जमा करे अन्य कोई दूसरी फीस जमा तब तक ना करे जब तक सर्वोच्च न्यायालय का फैसला नहीं आ जाता.
अजय राय ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस के दौरान टीचर्स स्टूडेंट्स के माध्यम से फीस जमा करने को कह रहे हैं. इसपर सरकार को तत्काल हर जिले में अपने विभागीय अधिकारियों के माध्यम से सख्ती से रोक लगाने की जरूरत है. वहीं मनमानी कर रहे स्कूलों के खिलाफ कारवाई करने की जरूरत है जो राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ जाने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि स्कूलों का सरकार के आदेश आने के बाद भी मनमाने तरीके से फीस वसूला जाना नैतिक पतन है जो शिक्षा के मंदिर को कलंकित करता है.