रांची: भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और सांसद समीर उरांव ने कांग्रेस पार्टी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी जनजाति समाज की हितैषी नहीं रही. यह पार्टी प्रारंभ से जनजातियों, दलितों को केवल वोट बैंक बनाने में विश्वास रखती है. 60 वर्षों तक कांग्रेस ने नारों और छलाओं में उलझा कर रखा.
उन्होंने कहा कि राज्य के आदिवासी समाज में व्याप्त गरीबी, अशिक्षा, भूख, बीमारी, कुपोषण ये कांग्रेस पार्टी के नीतियों का ही दुष्परिणाम है.
उरांव ने कहा कि आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शत प्रतिशत लाभ गरीब आदिवासियों के खाते में पहुंच रहा है, परन्तु कांग्रेस के जमाने में तो 100 में 15 पैसे का भी बंदरबांट होता रहा.
उन्होंने कहा कि लाखों की संख्या में विस्थापन और पलायन यह किस सरकार की देन है. जनजाति समाज की भाषा, संस्कृति, परंपरा के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसने बढ़ावा दिया.
उरांव ने कहा कि इन्हीं विषमताओं का परिणाम था अलग राज्य का आंदोलन जिसे कांग्रेस पार्टी ने छलने, कुचलने और बदनाम करते हुए कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की नीति और नीयत साफ है. कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं.
उरांव ने कहा कि भाजपा ने अलग राज्य के सपने को साकार किया. अटल के नेतृत्व में ही देश में अलग आदिवासी मंत्रालय का गठन हुआ. प्रदेश में पिछली रघुवर सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की.
पहली बार राज्य में जनजाति आयोग का गठन किया गया. जनजाति समाज की संस्कृति परंपरा के संरक्षक, अगुवा मुंडा, मानकी, पाहन आदि के लिए सम्मान राशि की शुरुवात की गई, सरना, मसना स्थल की घेराबंदी की गई, लुगुबुरू मेला को राजकीय मेला घोषित किया गया, विशेष बतालियन बनाए गए, डाकिया के माध्यम से अनाज वितरण की व्यवस्था शुरू की गई.
उन्होंने कहा कि उंगली उठाने के पहले कांग्रेस पार्टी अपने गिरेबान में झांके.