रांची: बीएयू की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा ने अगले 4-5 दिनों के संभावित वर्षा के आधार पर किसानों के लिए एड़वाईजरी जारी की है. किसानों को टांड़ (ऊपरी) खेत में खरीफ फसल धान को छोड़कर अन्य फसलों जैसे अरहर, मड़ुआ, ज्वार, उरद एवं मूंग की बुआई अगले 2-4 दिनों में की बुआई जल्द समाप्त करने की सलाह दी है. दीमक के प्रकोप वाले खेत में खेत की अंतिम तैयारी के समय मिट्टी में नीम या करंज की खल्ली को अच्छी तरह मिलाने तथा बीज बोने से पहले कीटनाशी दवा से उपचारित करने को कहा है. दलहनी फसल के बीज को राइजोबियम कल्चर नामक जीवाणु खाद से उपचारित कर बुआई करने की सलाह दी गई है.
एडवाईजरी में किसानों को टांड़ (ऊपरी) खेत में धान, मकई या मूंगफली की अंतरवर्तीय खेती करने का परामर्श दिया गया है. इससे अनियमित वर्षा की स्थिति में दूसरी फसल से उपज का लाभ लिया जा सकेगा.
मध्यम भूमि (दोन -2) में धान, मकई, मूंगफली और सोयाबीन आदि की बुआई जल्द समाप्त करने की सलाह दी है. धान के फसल में खर-पतवार नियंत्रित रखने तथा मकई की मध्यम अवधि वाली किस्म का चुनाव हरा भुट्टा के लिए तथा कम अवधि वाली किस्म को दाना के लिए उपयोग करने को कहा गया है.
निचले खेत (दोन -1) में अगर कादो लायक पानी जमा हो गया हो तथा धान का बिचडा 20 दिनों का हो गया हो तो किसान रोपा कार्य प्रारंभ करें. लम्बी अवधि वाले किस्मों की रोपाई पहले करनी चाहिए. धान का बिचडा 10-15 दिनों के होने तथा मिट्टी में नमी रहने पर बीजस्थली में यूरिया का भूरकाव करने की सलाह दी गयी है.