रांची: आज का पंचांग, आपका दिन शुभ (मंगलमय) हो.
●कलियुगाब्द……..5122
●विक्रम संवत्…….2077
●शक संवत्……….1942
●मास………..आषाढ़
●पक्ष……………शुक्ल
●तिथी………..पूर्णिमा
प्रातः 10.16 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
●रवि………..दक्षिणायन
●सूर्योदय..प्रातः 05.47.49 पर
●सूर्यास्त..संध्या 07.16.56 पर
●सूर्य राशि……..मिथुन
●चन्द्र राशि………..धनु
●गुरु राशि…………धनु
●नक्षत्र………..पूर्वाषाढ़ा
रात्रि 10.57 पर्यंत पश्चात उत्तराषाढ़ा
●योग……………….इंद्र
रात्रि 10.55 पर्यंत पश्चात वैधृति
●करण………….बव
प्रातः 10.16 पर्यंत पश्चात बालव
●ऋतु………….ग्रीष्म
●दिन………….रविवार
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★★ आंग्ल मतानुसार :-
05 जुलाई सन 2020 ईस्वी ।
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★★ तिथि विशेष :-
◆◆ गुरु पूर्णिमा :-
◆ आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहते हैं. भारत भर में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस दिन गुरुपूजा का विधान है.
आज के दिन महर्षि वेद व्यासजी की पूजा की जाती है. हमें वेदों का ज्ञान देने वाले व्यासजी ही हैं. अतः वे हमारे आदिगुरु हुए. इसीलिए गुरुपूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.
सांसरिक विषयों का ज्ञान देने वाला शिक्षक होता है पर जो तत्व ज्ञान से अवगत कराये उसे ही गुरु कहा जाता है. यह तत्वज्ञान श्रीगीता में वर्णित है.
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★ शुभ अंक……..5
★ शुभ रंग……..नीला
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★★ अभिजीत मुहूर्त :-
दोप 12.04 से 12.57 तक
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★★ राहुकाल :-
संध्या 05.31 से 07.11 तक
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★★ दिशाशूल :-
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।
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★★ चौघडिया :-
प्रात: 07.30 से 09.10 तक चंचल
प्रात: 09.10 से 10.50 तक लाभ
प्रात: 10.50 से 12.30 तक अमृत
दोप. 02.10 से 03.50 तक शुभ
सायं 07.11 से 08.30 तक शुभ
संध्या 08.30 से 09.50 तक अमृत
रात्रि 09.50 से 11.10 तक चंचल
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★★ आज का मंत्रः
● ।। ॐ बृं बृहस्पतये नम: ।।
● ।। ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नम: ।।
● ।। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम: ।।
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★★ सुभाषितानि :-
नासत्यवादिनः सख्यं न पुण्यं न यशो भुवि ।
दृश्यते नापि कल्याणं कालकूटमिवाश्नतः ॥
◆ अर्थात :- कालकूट पीने वाले की तरह असत्य बोलने वाले को इस दुनिया में सख्य, पुण्य, यश या कल्याण प्राप्त नहीं होते .
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★★ आरोग्यं सलाह :-
◆◆ नस पर नस चढ़ना (माँस-पेशियों की ऐंठन) के घरेलु उपचार :-
◆ 1. सोते समय पैरों के नीचे मोटा तकिया रखकर सोएं.
◆ 2. आराम करें. पैरों को ऊंचाई पर रखें.
◆ 3. प्रभाव वाले स्थान पर बर्फ की ठंडी सिकाई करे. सिकाई 15 मिनट, दिन में 3-4 बार करे.
◆ 4. अगर गर्म-ठंडी सिकाई 3 से 5 मिनट की (दोनों तरह की बदल-2 कर) करें तो इस समस्या और दर्द – दोनों से राहत मिलेगी.
◆ 5. आहिस्ते से ऎंठन वाली पेशियों, तंतुओं पर खिंचाव दें, आहिस्ता से मालिश करें .