दिल्ली: केंद्र सरकार ने कुछ वक्त पहले Indian Railways में प्राइवेट कंपनियों की एंट्री का ऐलान किया था. इसके बाद इसे लेकर कवायद शुरू हो गई थी. रेलवे द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के जरिए 100 से ज्यादा रुट्स पर 151 ट्रेनों के संचालन की मंजूरी दे दी गई है. हालांकि इन ट्रेनों के संचालन के दौरान आर्थिक तौर पर हर तबके का ध्यान रखा जाना भी जरूरी है. ऐसे में इन ट्रेनों का किराए को लेकर कई आशंकाएं बनी हुई है. इस बीच सामने आ रही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार प्राइवेट कंपनियों को ही ट्रेन किराया तय करने का अधिकार दे सकती
प्राइवेट ट्रेनों की बुकिंग भी Indian Railway Passenger Reservation System के जरिए की जाएगी. नेशनल ट्रांसपोर्टर के द्वारा रिलीज किए गए Project Information Memorandum Document (PIM) के अनुसार इसमें एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाएगा जिसमें टिकट बुकिंग पर होने वाली कमाई को Escrow अकाउंट में रखा जाएगा. PIM का लक्ष्य बोली लगाने वाली कंपनियों को प्रस्तावित पैसेंजर ट्रेन ऑपरेशंस की एक Broad Understanding देना होगा.
60 मिनट तक नहीं रहेगी दूसरी ट्रेन
ट्रेनों के संचालन में उतर रहे इन प्राइवेट प्लेयर्स को कंपनी द्वारा कुछ फायदा भी दिया जाएगा. PIM के अनुसार ‘प्राइवेट ट्रेनों की तय रवानगी के 60 मिनट बाद तक कोई भी अन्य ट्रेन उस रुट पर नहीं जाएगी.’
सबसे ज्यादा बिजी रुट्स पर चलेंगी
यह प्राइवेट ट्रेनें देश के सबसे ज्यादा 151 बिजी रुट्स पर चलेंगी, जहां यात्रियों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन उसके मुकाबले ट्रेनों का संचालन कम हो पा रहा है. इस वजह से बड़ी संख्या में यात्रियों की वेटिंग लिस्ट बनी रहती है.
कंपनियां तय कर सकेंगी चार्जेस
इस प्रोजेक्ट का कंसेशन पीरियड 35 साल का रहेगा और प्राइवेट कंपनियां haulage charges और energy charges वास्तिवक इस्तेमाल के हिसाब से तय कर सकेंगी. रेलवे नेशनल ट्रांसपोर्ट के ड्रायवर और गार्ड द्वारा ऑपरेट की जाने वाली इन सभी ट्रेनों के सुरक्षा मापदंडों का ध्यान रखेगा.