कानपुर: बुधवार की सुबह विकास दुबे का साथी अमर दुबे हमीरपुर के मौदहा कोतवाली क्षेत्र के इंगोहटा मार्ग पर एक मुठभेड़ में मारा गया है. ज्ञात हो की उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के छह दिन बाद वारदात के मुख्य आरोपी विकास दुबे का करीबी हमीरपुर जिले में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़़ में मारा गया.
जिले की पुलिस ने तड़के करीब चार बजे मार अमर को ढेर किया. मुठभेड़ में मौदहा कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार शुक्ला घायल हुए हैं.
अमर दुबे पर 25000 रुपये का इनाम घोषित था और वह पिछले हफ्ते चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में बदमाशों द्वारा घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में शामिल था.
एक अधिकारी ने बताया कि इस जघन्य वारदात का मुख्य आरोपी ढाई लाख का इनामी गैंगस्टर विकास दुबे अब भी फरार है. उसकी तलाश में पुलिस की अनेक टीमें लगी हुई हैं.
सूत्रों के मुताबिक यूपी एसटीएफ ने विकास की तलाश में गुरुग्राम और उसके साथ लगने राजस्थान के इलाकों में भी छापे मारे और नाकेबंदी करवाई. मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण कोई भी पुलिस अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. क्राइम ब्रांच की टीम ने मंगलवार शाम श्रीसासाराम ओयो गेस्ट हाउस की घेराबंदी की. लेकिन सूत्रों के मुताबिक पुलिस के पहुंचने से पहले ही विकास दुबे गुर्गों समेत फरार हो गया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वहां गोली चलने की आवाज भी लोगों ने सुनी. पुलिस ने इस पूरे मामले में फिलहाल चुप्पी साध रखी है.
उधर थाने में लाइन से नए पुलिसकर्मियों की तैनाती भी कर दी गई है. दहशतगर्द विकास दुबे का कारखास बना पूरा चौबेपुर थाना मंगलवार एसएसपी दिनेश कुमार पी ने लाइन हाजिर कर दिया. इसमें 68 पुलिसकर्मी शामिल हैं. अब इन सभी के खिलाफ जांच भी शुरू हो गई है.
एसएसपी के मुताबिक जांच में पाया गया कि बदमाश विकास दुबे के संपर्क में चौबेपुर थाने के सभी पुलिसकर्मी हैं. इसलिए सभी 13 दरोगा, 10 हेड कांस्टेबल, 45 कांस्टेबल लाइन हाजिर कर दिया गया है. प्रत्येक पुलिसकर्मी पर मुखबिरी के साथ विकास दुबे का साथ देने का आरोप है.