नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को पहली बार माना कि कोरोना वायरस हवा के जरिए भी फैल रहा है. इसके बाद लोगों की चिंताएं बढ़ गई. उन्हें संक्रमण का खतरा सताने लगा.
हालांकि, भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि इसस घबराने की जरूरत नहीं है. यह वायरस हवा में अस्थायी तौर पर मौजूद रहता है. इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि वायरस हर जगह पहुंच रहा है और हर किसी को संक्रमित कर देगा.
सीएसआईआर- सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बॉयोलॉजी (सीसीएमबी) के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा कि अब तक के दावे से पता चला है कि यह पांच माक्रोन से कम आकार की छोटी बूंदों (ड्राप्लेट्स) में हवा में इधर-उधर जा सकता है और बड़ी बूंदों के रूप में यह कुछ ही मिनटों तक हवा में रहेगा.
उन्होंने कहा कि इसका स्पष्ट अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति बोलता या सांस लेता तो कुछ ड्राप्लेट हवा में जाते हैं और कुछ समय तक बने रहते हैं इसलिए लोगों को लंबे समय तक मास्क पहनना जरूरी है.