मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का भांजा रतुल पुरी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के डर से फरार हो गया है। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी घोटाले में हाल में सरकारी गवाह बने बिचौलिये और दुबई के कारोबारी राजीव सक्सेना द्वारा दर्ज बयान में पुरी का नाम सामने आया था। ईडी के विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह और एन के मट्टा ने दिल्ली की विशेष अदालत को बताया था कि एजेंसी ‘आरजी’ नाम के व्यक्ति की पहचान करना चाहती है जिनके नाम से गुप्ता की डायरियों में 50 करोड़ रुपये से अधिक की एंट्री की गई हैं। ईडी ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी मामले में रतुल पुरी को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन, गिरफ्तारी की आशंका के चलते वह अधिकारियों को चकमा देकर फरार हो गया। फिलहाल, रतुल पुरी ने दिल्ली कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। अदालत आज ही इस मामले में सुनवाई करेगी।
जांच एजेंसी अगस्ता वेस्टलैंड केस में पूछताछ के लिए रतुल पुरी को ताजा समन जारी करेगी। सूत्रों की मानें तो रतुल पुरी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा था। इसलिए ईडी उसे गिरफ्तार करना चाहती थी। ईडी ने उसे पूछताछ के लिए समन किया था। रतुल पुरी प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचा था। ईडी के अधिकारियों ने उसे इंतजार करने के लिए कहा लेकिन गिरफ्तारी के डर से वह चुपके से प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर से फरार हो गया।
इससे पहले अप्रैल महीने में भी ईडी ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी को पूछताछ के लिए बुलाया था। रतुल पुरी पर आरोप है कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में उसकी कंपनियों में दुबई से रकम ट्रांसफर की गई थी। केंद्रीय जांच एजेंसी यह जांच कर रही है कि आखिर रतुल की कंपनी में किसके इशारे पर पैसा ट्रांसफर किया गया था।
फरवरी 2010 में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने ब्रिटिश-इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीद का सौदा किया था। इसके तहत 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद होनी थी। लेकिन यह सौदा विवादों में उलझकर रह गया था। सौदे में कथित तौर पर बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले मिशेल को पिछले साल दिसंबर में यूएई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था।