रांची: इस बार मैट्रिक की परीक्षा में आदिम जनजाति के बच्चोंं ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है. खास कर लुत्प प्राय: हो रहे बिरहोर समुदाय के बच्चों ने इस परीक्षा में बेहतर परिणाम दिये हैं. मैट्रिक में अच्छा प्रदर्शन करने वालों में आठ बच्चे हैं; इनमें छह बेटियां शामिल हैं.
वहीं, दो छात्र हैं. इन छात्रों में चार बच्चे बिरहोर जनजाति के हैं. इन बच्चों का यह प्रदर्शन टाटा स्टील के ट्राइबल कल्चरल सोसाइटी व सीएसआर के प्रयास से भी संभव हो पाया है. बिरहोर समुदाय में शिक्षा का स्तणर लगभग शून्य् है.
ऐसे में बच्चों का बेहतर प्रदर्शन इस समुदाय के लिए चिराग का काम कर रहा है. प्रोजेक्टं अकांक्षा के नाम से चल रहे इस अभियान में जमशेदपुर व आसपास के क्षेत्र में रहने वाले आदिम जनजाति के बच्चेन शामिल हैं.
आदिम जनजाति के 262 विद्यार्थी हैं:
जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्र में सबर, बिरहोर व पहाडि़या जनजाति के 262 विद्यार्थी हैं जो छह विभिन्न आवासीय विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इन गांवों के बच्चों के माता-पिता को समय-समय पर स्कूल भी लाया जाता है ताकि, उनका बच्चाा किस तरह से पढ़ाई कर रहा है वो जान सकें.
बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों के नाम इस प्रकार हैं:
- कार्मेल स्कूल, चक्रधरपुर(प सिंहभूम) से तीन छात्राएं
- बालिका बिरहोर, 828 अंक, गांव-छोटाबांकी
- रोहिणी बिरहोर,719 अंक, गांव-छोटाबांकी
- सोनमुनि बिरहोर, 712 अंक, गांव-छोटाबांकी
- सिदो-कान्हूर शिक्षा निकेतन स्कू-ल डिमना(पू सिंहभूम) से एक छात्र
- करण बिरहोर, 634 अंक, गांव छोटाबांकी