ग्वालियर: रानीघाटी गौशाला में वृहद वृक्षारोपण रानीघाटी गौशाला में शीघ्र ही गायों की देखभाल का कार्य प्रारंभ होगा. निराश्रित गौवंश को सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है. प्रदेश भर में गौशालाओं का निर्माण कर गौवंश को संरक्षित किया जा रहा है.
ग्वालियर जिले में रानी घाटी के पास जिला पंचायत के माध्यम से एक आधुनिक गौशाला का निर्माण किया गया है. गौशाला के निर्माण में ग्वालियर गौशाला में सहयोग कर रहे संतों ने भी अपना पूरा योगदान देकर गौशाला के निर्माण तथा गौसंरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
रानी घाटी के पास नवनिर्मित गौशाला में रविवार को बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया. वृक्षारोपण के अवसर पर ग्वालियर संभाग के आयुक्त एम बी ओझा, एडीजी राजाबाबू सिंह, नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवम वर्मा, डीएफओ अभिनव पल्लव, ग्वालियर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष राकेश जादौन, गौशाला के संत अच्चुतानंद, ऋषि महाराज, आत्मानंद आदि संत भी शामिल थे.
संभागीय आयुक्त एम बी ओझा ने कहा कि गौ सेवा से बड़ा कोई पुनीत कार्य नहीं है. निराश्रित गौवंश को संरक्षित करने के लिये सभी जिलों में गौशालाओं का निर्माण किया जा रहा है.
गौशालाओं के निर्माण के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों को गौसंरक्षण और संवर्धन के कार्य से जुड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्वालियर में लाल टिपारा पर नगर निगम द्वारा संचालित गौशाला के बाद अब रानीघाटी में भी बड़ी गौशाला का संचालन प्रारंभ किया जा रहा है. इसके प्रारंभ होने से ग्वालियर जिले में निराश्रित गौवंश को संरक्षित करने में मदद मिलेगी.
संभाग आयुक्त ओझा ने कहा कि ग्वालियर गौशाला और रानीघाटी पर बनाई गई गौशाला में संत जनों द्वारा जो सहयोग दिया जा रहा है वह अनुकरणीय कार्य है. समाज के अन्य वर्गों को भी गौशाला के संचालन में सहभागी बनना चाहिए. जिला पंचायत के माध्यम से गौशाला निर्माण के साथ-साथ हरियाली एवं जल संरक्षण के लिये जो कार्य किए गए हैं, उससे इस क्षेत्र के लोगों को काफी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
कार्यक्रम में एडीजी राजाबाबू सिंह ने कहा कि निराश्रित गौवंश को संरक्षित करना हम सबकी जवाबदारी है. यह कार्य शासन एवं प्रशासन के भरोसे ही छोड़ना ठीक नहीं है, इसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है. रानीघाटी पर निर्मित की गई गौशाला गौ संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल है. गौशालाओं में संतों द्वारा दिया जा रहा सहयोग हम सबके लिये एक उदाहरण है.
म सबको भी गौसंरक्षण के लिये अधिक से अधिक सहयोग देना चाहिए. उन्होंने जिला पंचायत एवं वन विभाग के माध्यम से रानीघाटी पर किए जा रहे कार्यों की सराहना की.
कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवम वर्मा ने बताया कि रानीघाटी पर निर्मित की गई. गौशाला में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का कार्य भी हाथ में लिया गया है. इसके साथ ही गौशाला के समीप ही चैकडेम का निर्माण, गौशाला के चारों ओर बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण भी कराया गया है.
उन्होंने बताया कि 23 लाख 75 हजार रूपए की लागत से एक तालाब का निर्माण भी कराया जा रहा है. सीईओ वर्मा ने बताया कि रानी घाटी पर निर्मित पुरातात्विक महत्व के मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु भी प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.