रांची: नूर मोहम्मद वेलफेयर एजुकेशनल ट्रस्ट के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता नौशाद अहमद ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा है कि शिक्षा ना होने के कारण मुस्लिमों की भागीदारी सरकारी सेवा में कम है. अपने अधिकार को ठीक से नहीं जानते हैं.
शिक्षा के अभाव के कारण आज हम लोग सड़कों के किनारे पंचर बनाने और नींबू बेचने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम नेता चुने जाने पर भी शिक्षा पर जोर नहीं देते हैं.
नौशाद अहमद ने कहा कि प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की मेहनत से ही कुछ स्कूल-कॉलेज दिखते हैं. गरीब बच्चों को शिक्षित करने का भी बीड़ा उठाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि शिक्षा हर व्यक्ति को मिलना चाहिए. समाज में जो भी कुरीतियां है उन्हें दूर करते हुए शिक्षा पर जोर दें. बच्चों को पढ़ाएं और उन्हें अच्छी शिक्षा दें. शिक्षा ही आगे बढ़ने में मदद करेगी. समाज भी शिक्षा और संस्कारों से बदलेगा. शिक्षा से ही बदलाव लाया जा सकता है.