रिपोर्टर – ज्योत्सना
केंद्र और राज्य सरकार का जल शक्ति अभियान सभी जिलों और प्रखंडों में तेजी से बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है. कहीं बड़े बड़े तालाब खोदे जा रहे है,कहीं डोभा तो कहीं खेतों में ट्रेंच खुदाई से जल संरक्षण के अभियान को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. हजारों- लाखों की लागत से जल संचयन के उपाय किए जा रहे हैं.
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बारिश के बाद लगातार 7-8 दिनों तक जमीन में गाड़े गए ड्रम में पानी संरक्षित रहता है. वाटर लेवल को बेहतर बनाने के लिए कम पूंजी और कम श्रम शक्ति लगाकर ड्रम के सहारे बेहतर जल संचयन किया जा सकता है.
सीआरपीएफ की 157 बटालियन ने बताया कि अड़की क्षेत्र के कई स्कूलों में इसे धरातल पर उतारने की योजना है. सीआरपीएफ के जमशेदपुर मुख्यालय में इस तरह के 8 ड्रम के सहारे जल संचयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. सीआरपीएफ की 157 बटालियन ने इसे मिशन मोड में नक्सली इलाकों में पूरा करने का बीड़ा उठाया है. जन शक्ति बनाम जल शक्ति के रूप में अड़की क्षेत्र के स्कूलों और पंचायत सचिवालयों में ड्रम के सहारे पानी की किल्लत दूर की जाएगी.