नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोयला खदानों की नीलामी को चुनौती देने वाली झारखंड सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. केंद्र ने 41 कोल खदानों की नीलामी का फैसला लिया है इनमें से 9 खदाने झारखंड में है.
41 कोल ब्लॉकों की वर्चुअल नीलामी की प्रक्रिया हुई थी शुरू
पिछले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 41 कोल ब्लॉकों की वर्चुअल नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी जिसपर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने रोक लगाने की मांग की थी.
नहीं मिलेगा खदानों की नीलामी का उचित मूल्य
झारखंड सरकार का कहना है कि दुनिया भर में फैले महामारी के कारण इन खदानों की नीलामी का उचित मूल्य नहीं मिलेगा, इसके अलावा कोयला खदानों के व्यावसायिक खनन से आदिवासियों की जिंदगी भी प्रभावित होगी.
वकील तपेश कुमार सिंह ने की याचिका दायर
राज्य सरकार की ओर से यह याचिका वकील तपेश कुमार सिंह ने दायर की. याचिका में खनिज कानून (संशोधन) अधिनियम 14 मई 2020 को खत्म होने की बात कही गई है और इसलिए नीलामी की प्रक्रिया को कानूनी रूप से उचित नहीं बताया है.
कंपनियों को आवेदन की अनुमति
याचिका में खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 11(A)(1) का भी जिक्र है, जिसके तहत कोयला के खनन के लिए प्रतिस्पर्धी ठेके के लिए ऐसे कंपनियों को आवेदन की अनुमति है. जो भारत में कोयले का खनन करती हैं.
इस तरह 11 जून को जो अधिसूचना जारी की गई, उसके द्वारा वैश्विक भागीदारी और प्रतिस्पर्धा की बात को समाप्त कर दिया गया है.