जमशेदपुर : देवघर के पलाजोरी प्रखंड के बीडीओ नागेंद्र तिवारी की मौत प्रकरण में नया मोड़ आ गया है. परिवार की सुधि लेने पहुंचे राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख उनके मानगो स्थित आवास पर पहुंचे. परिजनों ने मंत्री से साफ तौर पर कहा कि नागेंद्र तिवारी आत्महत्या करने वाले व्यक्ति नहीं थे. मंत्री ने भी परिजनों की बातों से सहमति जताई और कहा कि नागेंद्र तिवारी की मौत प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होगी और दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
उल्लेखनीय है कि रविवार की रात नागेंद्र तिवारी की क्षत-विक्षत लाश जुगसलाई में दुख मार्केट के पीछे रेलवे ट्रैक पर मिली थी. लोगों का कहना था कि नागेंद्र तिवारी ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली है. उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया . हालांकि घटना के समय उनके शव की पहचान नहीं हो पाई थी. दूसरे दिन उनके शव को पहचाना गया परिजनों ने आरोप लगाया कि बालू माफिया देवघर में उन्हें काफी प्रताड़ित करते थे और उन्हें धमकी दी जाती थी इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या की है. हालांकि आज मंत्री के सामने उन लोगों ने साफ तौर पर कहा कि नागेंद्र तिवारी की हत्या की गई है वह आत्महत्या नहीं कर सकते हैं.
बालू माफियाओं की धमकी से तंग आकर नागेंद्र तिवारी 1 माह की छुट्टी पर मांगो स्थित अपने आवास में ही रह रहे थे. इस दौरान वे काफी दबाव में थे घर से निकलने के बाद उनका कुछ पता भी नहीं चल पाया और बाद में पता चला कि रेलवे ट्रैक पर उनकी लाश पड़ी हुई है. जानकारी हो कि परिजनों के मांग के बाद सोमवार को जुगसलाई थाना में नागेंद्र तिवारी के भाई उमाशंकर तिवारी के बयान पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की गंभीरता से जांच भी कर रही है. मंत्री को मृतक के भतीजे सुमित कुमार तिवारी ने इसकी जानकारी दी कि हत्या का मामला जुगसलाई थाना में दर्ज कराया गया है। सुमित ने मंत्री को यह भी बताया कि उसके चाचा साक्षी तक एक स्टूडेंट को अपने खर्च से मुफ्त मुफ्त में पढ़ाते थे. मना भी किया गया था जिस छात्र को व पढ़ाते थे उसने घटना के शाम उन्हें साक्षी जेल चौक तक छोड़ा था. उसके बाद भी जेल चौक पर टेंपो पकड़कर जुगसलाई चले गए थे .दौरान उनकी हजारीबाग के अपने एक मित्र से फोन पर बात भी हुई थी. हजारीबाग के मित्र का कहना था कि वह ऐसे ही हाल-चाल जानने के लिए फोन किए थे. जुगसलाई में टेंपो से उतरे तो 80 और 100 को लेकर टेंपो वालों से हल्की बहस भी हुई उसके बाद 100 उन्होंने दे दिए थे.परिचित को बीडीओ ने बताया था कि वह एक व्यक्ति से मिलने के लिए जुगसलाई जा रहे हैं लेकिन फिर उनकी मौत की खबर आ गई . सवाल यह भी उठता है कि अगर वह आत्महत्या करने के लिए जा रहे थे तो फिर टेंपो वाले से 20 के लिए कैसे उलझ गए. स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं उनके साथ अनहोनी हुई है. वैसे जुगसलाई थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी जांच की जा रही है.