रांची : महापौर आशा लकड़ा ने कहा है कि राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. शहरवासी मानसिक रूप से परेशान हैं. लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से ही अधिकांश लोग आर्थिक तंगी से लगातार जूझ रहे है. स्कूल फीस में भी स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई राहत नहीं दी गई है. ऐसे में लोग क्या करें, क्या न करें, इस दुविधा में फंसे हुए हैं. इधर, भवन मालिकों के समक्ष होल्डिंग टैक्स भुगतान करने की समस्या भी है. आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को ध्यान में रखते हुए रांची नगर निगम ने दिनांक 9 जून 2020 को परिषद् की बैठक में होल्डिंग टैक्स के भुगतान में शहरवासियों को राहत देने के लिए कुछ निर्णय लिए थे. चूंकि वित्तीय व राजस्व से संबंधित मामलों में नगर विकास विभाग की स्वीकृति अनिवार्य है। इसिलए परिषद् की बैठक में लिए गए निर्णय का प्रस्ताव नगर निगम के द्वारा नगर विकास विभाग को भी भेजा गया है। परंतु इस संबंध में अब तक विभागीय स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से शहरवासियों को होल्डिंग टैक्स के भुगतान में राहत नहीं मिली है। 30 जून के बाद होल्डिंग टैक्स का भुगतान करने वाले लोग होल्डिंग टैक्स की राशि के साथ एक फीसद अतिरिक्त राशि का भुगतान कर रहे हैं.
नगर निगम परिषद् की बैठक में वित्तीय वर्ष 2020-21 एक हजार वर्गफीट तक के भवनों का होल्डिंग टैक्स माफ किया जाएगा और एक हजार वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल वाले भवन मालिकों को होल्डिंग टैक्स के भुगतान में 50 फीसद की छूट देने का निर्णय लिया गया था. वित्तीय वर्ष 2020-21 में पहली तिमाही के बाद द्वितीय तिमाही में होल्डिंग टैक्स जमा करने पर प्रतिमाह ली जाने वाली एक फीसद की ब्याज राशि में भी छूट देने का निर्णय लिया गया था. 31 जुलाई 2020 तक पहली तिमाही तक के होल्डिंग टैक्स के भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लेने का निर्णय लिया गया था.
महापौर ने कहा की राज्य सरकार को पुन: स्मरण कराना चाहूंगी कि शहरवासी होल्डिंग टैक्स में छूट से संबधित की गई घोषणा के प्रति उम्मीद लगाए बैठे हैं. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न आर्थिक संकट की इस घड़ी में हमारा कर्तव्य है कि ऐसे समय में आम जनता को होल्डिंग टैक्स के आर्थिक बोझ से थोड़ी राहत दी जाए. हर परिवार के समक्ष इस समय कई परेशानियां हैं. किसी की रोजी-रोटी छीन गई है तो किसी की नौकरी. औद्योगिक क्षेत्र से लेकर शहर का हर व्यवसायी कोरोना काल में आर्थिक रूप से कमजोर हो चुका है. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि नगर निगम परिषद् की बैठक में लिए गए निर्णय पर गंभीरता पूर्वक विचार कर शहरवासियों को आर्थिक दृष्टिकोण से होल्डिंग टैक्स के भुगतान में राहत दी जाए.