सुरुर रज़ा,
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ड्राइवर, कंडक्टर और एजेंट हुए दाने-दाने को मोहताज
रांची: कोरोना को लेकर राज्य में बसों का परिचालन ठप हो गया है. इसकी वजह से बस कंडक्टर, ड्राइवर और एजेंट्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि वे और उनका परिवार दाने-दाने तक को मोहताज हो गये हैं.
ऐसे तो हर क्षेत्र में कोरोना का प्रभाव पड़ा है, लेकिन परिवहन व्यवस्था सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. आम लोगों की जिंदगी को रफ्तार देने वाली गाड़ियों के पहिए बंद पड़े हैं.
सरकारी बस स्टैंड और प्राइवेट बस स्टैंड दोनों ही सुनसान पड़े है. इससे जुड़े लोग पूरी तरह से बेरोजगार हो चुके हैं. कई लोग तो पेट पालने के लिए रोजगार बदलने के लिए विवश हो गये हैं.
परिवहन व्यवस्था ठप होने का सीधा असर बस ड्राइवर, कंडक्टर और एजेंट पर पड़ा है. झारखंड में कोरोना का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि अभी काफी दिनों तक बसों का परिचालन बंद रहेगा. इससे इन तमाम लोगों की दिक्कतें आने वाले दिनों में बढ़ने वाली है.
खादगढ़ा बस स्टैंड के पूर्व ठेकेदार युसूफ खान ने बताया कि प्रतिदिन 500 बसों का परिचालन यहां पर होता था. बसों का पहिया थम जाने से लगभग पांच से सात करोड़ का नुकसान अब तक हो चुका है. उन्होंने यह भी बताया कि इस पेशे से 10,000 लोगों का परिवार चलता था, परंतु आज सारे परिवार के लोग भुखमरी की कगार पर है.