रवि सिंह,
UP: फिल्म स्टॉर से सांसद बने रविकिशन ने 17 जुलाई को अपना 51 वां बर्थडे मनाया. रविकिशन आज जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है. वह अक्सर कहते हैं कि लोग चलकर अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं, वह रेंगकर पहुंचे हैं. रविकिशन के पास आज सब कुछ है, नाम, पैसा, काम लेकिन कम लोग जानते हैं कि एक वक्त ऐसा था जब उन्हें फिल्म इडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा था.
उस दौर में सात आठ घंटे की रिकार्डिंग के बाद मेहनताना मांगने पर प्रोड्यूसर ने फिल्म से रोल काट देने की धमकी दी थी. तब कोई नहीं जानता था कि रविकिशन एक दिन इस मुकाम पर होंगे कि बतौर सांसद गोरखपुर में खुद एक फिल्म सिटी बनाने की योजना पर काम कर रहे होंगे.
रविकिशन अपने संघर्ष के दिनों के बारे में खुलकर बात करते हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, ‘मैं बारिश में भीगते हुए रिकॉर्डिंग स्टूडियो पहुंचा था. जब मैं 7-8 घंटे की रिकॉर्डिंग कर बाहर निकला तो चेक मांगा. इस पर प्रोड्यूसर ने कहा- फिल्म में काम दे दिया ये क्या कम है? चेक मत मांगना नहीं तो रोल काट दूंगा. मैं हैरान रह गया था. मुझे जमीन छुड़ाने के लिए पैसे चाहिए थे. मैं बाइक पर बैठकर बारिश में भीगता हुआ वापस आया. आसमान में देखकर मैं खूब रोया. उस दिन को कभी नहीं भूल पाया.’
लेकिन मेहनत, लगन और हार न मानने की जिद कामयाबी को रविकिशन से ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रख सकी. वर्ष 2003 में उन्होंने भोजपुरी फिल्म ‘सइयां हमार’ की थी. इस फिल्म के लिए उन्हें 75 हजार रुपए मिले थे. फिल्म सुपरहिट हो गई. उसके बाद ‘पंडित जी बताई न बियाह कब होई’ फिल्म आई. बताते है कि इस फिल्म ने 12 करोड़ का कारोबार किया. इसके बाद रवि किशन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह बिग बॉस में भी नज़र आए.
अपने भोजपुरिया अंदाज से लोगों के दिलों में रवि किशन ने तेजी से अपनी जगह बना ली. उनके कई फिल्मी जुमले, मसलन ‘जिन्दगी झंड बा, फेर भी घमंड बा’, ‘अद्भुत’ और ‘बाबू’ लोगों की जुबान पर चढ़े रहते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में जब वह मंच पर चढ़ते थे तो भीड़ के बीच से ऐसे जुमले उछाल-उछाल कर उनका स्वागत किया जाता था.
मां के कहने पर घर छोड़ा, बालीवुड में बनाई तकदीर
रवि किशन अक्सर अपने बचपन के किस्सों के बारे में बताते हैं. उन्हें बचपन से ही अभिनय का शौक था लेकिन कभी जब रामलीला में वह सीता का रोल करते थे तो उनके पिता बेहद नाराज हो जाते थे. तब मां उनका सहारा बनीं. मां ने उन्हें घर छोड़ने की सलाह दी. 17 साल की उम्र में रवि किशन एक्टिंग के लिए जौनपुर से मुंबई चले गए. लम्बे संघर्ष के बाद उन्हें काम मिला. एक बार कामयाबी मिली तो फिर मिलती चली गई.
वह अभी तक हिंदी, भोजपुरी और दक्षिण भारतीय भाषाओं की 116 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं. सांसद बनने के बाद भी फिल्मों में उनका काम जारी है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी सीट पर बनाया उत्तराधिकारी
फिल्मी दुनिया की तरह रविकिशन राजनीति में भी तेजी से सफल हुए. वर्ष 2019 के चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई नामों को दरकिनार कर उन्हें गोरखपुर की सीट पर अपना उत्तराधिकारी बनाया. रविकिशन इस चुनाव में भारी मतों से विजयी होकर संसद में पहुंचे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने दी जन्मदिन की बधाई
फिल्म स्टॉर और सांसद रवि किशन को जन्मदिन पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी है.
BNN BHARAT की ओर से रवि किशन को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई