रांची: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सह हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि झारखंड में भ्रष्ट अधिकारियों के वजह से कहीं न कहीं सरकार पर उंगली उठने लगी है.
पिछले दिन विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद एवं गौरव बुधिया के सांठगांठ में करोड़ों की लेनदेन जब उजागर हुआ तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देकर चलते बने, उक्त मामले को लेकर स्वयं मुख्यमंत्री से मिलकर सीबीआई की जांच के मांग किया था.
दूसरा मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल जी तिवारी को जिस तरह से अकूत संपत्ति का उजागर होना भी शक के घेरे में आता है. अरबिन्द प्रसाद के मामला रघुवर सरकार के वक्त का था, लेकिन गोपाल जी तिवारी मुख्यमंत्री के ओएसडी पद पर थे.
आवेदनों पर कार्रवाई नहीं होना कहीं न कहीं मुख्यमंत्री पर भी उंगली उठने लगेगा, इसीलिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दोनों मामले को सीबीआई जांच की मांग करती है.
इस तरह से राज्य में कई ऐसे बड़े अधिकारियों का जमावड़ा है जो समय समय पर उजागर होता रहा है, और होता रहेगा. लेकिन सरकार पर उंगली न उठे इसके लिए वैसे भ्रष्ट अधिकारियों को भ्रष्टाचार से बनाए संपत्तियों को जप्त करने और जेल भेजने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि 2 माह के अंदर दो बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए , एक तरफ लोग महामारी से त्रस्त हैं. तो दूसरी तरफ लुटेरे अधिकारी मस्त हैं. अगर सरकार वैसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करती है तो सरकार भी शक के घेरे में आएगी.
2 महीने बीत जाने के बावजूद अरविंद प्रसाद और गौरव बुधिया के साथ गांठ का कोई भी कार्रवाई सरकार की ओर से नहीं दिख रही है . जबकि करोड़ों की लेनदेन की मामला उजागर हुआ था.
राज्य के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल ने दोनों मामले में पुरजोर तरीके से प्रसारित किया, हाई कोर्ट के वकील राजीव कुमार ने एसीबी को आवेदन देकर जांच की मांग किया था. और कल गोपाल जी तिवारी के सारे काले चिट्ठे कई कागजातों के साथ मुख्यमंत्री को भी कार्रवाई हेतु आवेदन किया, लेकिन यह दोनों मामले में सरकार की चुप्पी जनता के लिए अच्छे संकेत नहीं है.
इसीलिए मेहता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वैसे भ्रष्ट अधिकारियों को जेल में बंद कर उनके द्वारा भ्रष्टाचार से अर्जित किए गए अकूत संपत्ति को जप्त करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि राज्य में वैसे भ्रष्ट पदाधिकारियों को चिन्हित कर सरकार कार्रवाई करें. क्योंकि जनता इसी आस में राज्य में सत्ता का परिवर्तन किया है. रघुवर सरकार में जगह जगह पर जमे अधिकारियों ने झारखंड को बेरहमी से लूटा है.
अधिकारी बेलगाम हो चुके थे, झारखंड वासियों को जीना दूभर हो चुका था, किसान मजदूर से लेकर छात्र एवं शिक्षक तक उब चुके थे, रघुवर सरकार के जनविरोधी कार्यों का मूल्यांकन करते हुए जनता ने सत्ता का परिवर्तन किया है.
इसीलिए आपको जो जवाबदेही जनता ने दिया है उसे निभाते हुए भ्रष्ट अधिकारियों कार्रवाई करने की जरूरत है. मेहता ने अपने पत्र में लिखा कि आज भी कार्यकारी एजेंसी रघुवर सरकार की तरह ही बेलगाम एवं भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है. इसीलिए सरकार वैसे भ्रष्ट पदाधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई करें.