प्रेम आनंद,
खास बातें:-
👉झारखंड में खराब आवास, बदतर मेडिकल सुविधाओं से कोरोना का जोखिम ज्यादा
👉झारखंड में कोरोना संक्रमण का खतरा देश में चौथा सबसे अधिक
👉ग्लोबल जर्नल द लैंसेट के कोरोना संवेदनशीलता सूचकांक से खुलासा
👉देवघर देश के 20 सबसे अधिक कोरोना संवेदी जिलों में शुमार
👉सामाजिक-आर्थिक हालात, जनसंख्या में आयुवर्ग अनुपात, घर और सफाई,
👉स्वास्थ्य प्रणाली तथा महामारी प्रसार के कारणों के आधार पर है रैंकिंग
👉सूचकांक में एक अंक का मतलब सबसे ज्यादा विकराल, 0 माने बेहद कम, 0.75 से ज्यादा खतरनाक
रांची: कोरोना की वजह से इस समय पूरी दुनिया संकट की अभूतपूर्व स्थिति से गुजर रही है. झारखंड में भी सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद संक्रमण तेजी से फैल रहा है. निकट भविष्य में इससे निबटने के आसार नजर नहीं आ रहें.
दुनिया के सबसे चर्चित मेडिकल जर्नल द लैंसेट के मुताबिक कोरोना संक्रमण फैलने के लिहाज से झारखंड देश के सबसे अधिक खतरे वाले राज्यों में है. मध्यप्रदेश बिहार और तेलंगाना के बाद कोरोना संक्रमण का जोखिम ज्यादा है.
यहां कोरोना मंहामारी के संक्रमण के सामान्य कारणों से इतर खराब आवासीय हालात और बदतर मेडिकल सुविधाओं के कारण स्थिति विकराल होने के आसार हैं.
दं लैंसेट की ओर से झारखंड के राज्यों का कोरोना संवेदी सूचकांक निकालकर रैंकिंग जारी की गई है. इस अध्ययन में देवघर को कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक खतरों वाले देश के 20 जिलों में शुमार किया गया है.
द लैंसेट के अध्ययन में सामाजिक-आर्थिक हालात, निवास और स्वच्छता से जुड़ी परिस्थिति, आबादी में अलग-अलग आयुवर्ग का अनुपात, स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता और महामारी के कारणों के मानकों के आधार पर जोखिम का आकलन किया गया है.
झारखंड के खतरों में आवासीय स्थिति और स्वास्थ्य सुविधाओं का सबसे अधिक योगदान है. सामाजिक-आर्थिक हालात भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि महामारी के फैलने के कारकों का सबसे कम योगदान है. बाकी वजह आबादी का प्रकार भी है.
देवघर देश का सबसे अधिक कोरोना खतरे वाला जिला
द लैंसेट की रिपोर्ट में देवघर को कोरोना की दृष्टि से देश का 10वां सबसे अधिक खतरे वाला जिला करार दिया गया है. देवघर का कुल सूचकांक 0.986 आया है. जो देश के सबसे अधिक खतरे वाले जिले बिहार के दरभंगा के सूचकांक 1 के करीब है.
देवघर में भी झारखंड की तरह ही निवास और स्वच्छता तथा मेडिकल सुविधाओं की कमी के कारण स्थिति नाजुक है. यहां भी कोरोना प्रसार के कारकों का इसमें सबसे कम योगदान है.
पैमानों पर कहां है झारखंड (0.914)
सामाजिक-आर्थिक हालात (0.857)
एससी-एसटी आबादी, माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा का अनुपात, वाहन, टीवी, फ्रिज का उपयोग नहीं करने वाले लोगों की संख्या के आधार पर अध्ययन किया गया. झारखंड बदतर स्थिति में है.
जनसांख्यिकी (0.371)
60 पार के लोगों की संख्या, शहरी आबादी और घनत्व के आधार पर आकलन। 60 पार के बुजुर्गों के अनुपात या शहरी आबादी का घनत्व कम होने के कारण यहां झारखंड बेहतर स्थिति में है.
निवास-स्वच्छता की परिस्थिति (0.943)
ज्यादा लोगों वाले आवास, शौचाल कम होने और हाथ साफ करने की सही व्यवस्था नहीं होने को संक्रमण का कारण माना गया। झारखंड इस मामले में नाजुक स्थिति में है.
स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता (0.943)
प्रति एक लाख आबादी पर कितने अस्पताल, अस्पताल से दूर आबादी का अनुपात और स्वास्थ्य बीमा कराने वाले परिवारों के अनुपात के आधार पर अध्ययन किया गया. झारखंड की स्थिति गंभीर है.
महामारी प्रसार के कारण (0.200)
40-54 के पुरुषों और 40-49 की महिलाओं जिन्हें हार्ट, डायबिटीज, दमा और कैंसर का खतरा है तथा ऐसे लोगों का अनुपात जो नशा करते हैं एवं 60 पार के बुजुर्गों के जोखिम मानकर अध्ययन किया गया. झारखंड की हालत बेहतर है.
देश में इन राज्यों की स्थित नाजुक
राज्य- रैंकिंग सूचकांक
- मध्यप्रदेश- 1 1.000
- बिहार- 2 0.971
- तेलंगाना- 3 0.943
- झारखंड- 4 0.914
- उत्तर प्रदेश- 5 0.886
- प. बंगाल- 6 0.829
- महाराष्ट्र- 7 0.829
- ओड़िशा- 8 0.800
- गुजरात- 9 0.771
- आंध्रप्रदेश- 10 0.714
देश के सबसे गंभीर जिले
राज्य |
जिला |
सूचकांक रैंक |
बिहार | दरभंगा | 1.000 |
उत्तर प्रदेश | सीतापुर | 0.998 |
बिहार | समस्तीपुर | 0.997 3 |
बिहार | छपरा | 0.995 4 |
बिहार | शिवहर | 0.994 5 |
मध्यप्रदेश | झाबुआ | 0.992 6 |
बिहार | वैशाली | 0.991 7 |
बिहार | सहरसा | 0.989 8 |
उत्तर प्रदेश | बलरामपुर | 0.987 9 |
झारखंड | देवघर | 0.986 10 |