नई दिल्ली: विकास दुबे एनकाउंटर और कानुपर के बिकरू गांव में हुई शूटआउट की घटना पर बुधवार (22 जुलाई) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से कहा कि वह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो. इस मामले के लिए जांच समिति को भी आदेश दिया गया है. इस जांच समिति में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एस चौहान और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को शामिल किया गया है.
2 महीने में जांच पूरे करने के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से इस मामले की जांच को एक अगस्त 2020 से शुरू करने को कहा है. साथ ही यह निर्देश दिए हैं कि दो महीने में इसकी जांच पूरी होनी चाहिए. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दलील दे रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार इस बात का खास ध्यान रखे कि इस तरह की वारदात फिर से ना हो.
गैंगस्टर विकास दुबे का क्राइम रिकॉर्ड SC ने सरकार से मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस बात पर नाराजगी जताई की गैंगस्टर विकास दुबे पर इतने ज्यादा केस दर्ज होने के बाद भी उसे जमानत कैसे मिल गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे के क्राइम रिकॉर्ड को यूपी सरकार से मांग है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विकास दुबे पर इतने गंभीर मुकदमे दर्ज होने के बाद भी वह जेल से बाहर था ये सब सिस्टम की विफलता है. विकास दुबे पर हत्या, अपहरण, फिरौती, अवैध कारोबार सहित 60 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज थे.
कोर्ट ने यूपी सरकार को यह भी नसीहत दी है कि एक प्रदेश के तौर पर कानून के शासन को बनाए रखना काफी अहम है और ऐसा करना राज्य सरकार का कर्तव्य है.
कानपुर शूटआउट से विकास दुबे के एनकाउंटर तक, जानें अहम बातें
कानपुर में मुठभेड़ दो और तीन जुलाई 2020 की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ. पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके बिकरू गांव गई थी. जैसे ही पुलिस की एक टीम के विकास दुबे के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई. जिसमें यूपी पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए.
इस घटना के बाद से विकास दुबे फरार चल रहा था. पुलिस ने उसके ऊपर पांच लाख का ईनाम रखा था. 9 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा. 10 जुलाई को उज्जैन से कानपुर लाते वक्त विकास दुबे सचेंडी थाना क्षेत्र में एसटीएफ (STF) के साथ मुठभेड़ में मारा गया था.