रांची: महापौर आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य में कोरोना का कहर विकराल होता जा रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है.
राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा है कि अब कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन तेजी से हो रहा है. फिर भी इस वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने की दिशा में कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. कई कोरोना संक्रमित ऐसे पाए जा रहे हैं, जिनमें कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कोई लक्षण नहीं हैं. फिर भी संबंधित व्यक्ति कोरोना से पीड़ित हैं. ऐसे में आम लोग कैसे सतर्क होंगे कि उनके आसपास खड़ा व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है.
महापौर ने कहा कि प्रतिदिन राज्य में चार सौ से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. बुधवार को रांची में 125 कोरोना संक्रिमत मरीज मिले हैं. कोरोना से हो रही मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आम जनजीवन सुरक्षित नहीं है. कोविड केयर सेंटर या आइसोलेशन वार्ड में बेड की कमी है. कोरोना से पीड़ित मरीजों का ना तो समय पर कोविड टेस्ट हो पा रहा है और ना ही उनका इलाज. ऐसे में कई संक्रमित मरीज कोरोना से संबंधित निर्देशों को दरकिनार कर खुलेआम घूम रहे हैं. इसलिए अब वार्ड स्तर पर डोर-टू-डोर सर्विलांस करने की आवश्यकता है. जब तक शहरी क्षेत्र में एक-एक व्यक्ति की जांच नहीं की जाएगी, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से नहीं रोका जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि संक्रमित मरीजों को चिह्नित करने की आवश्यकता है. महापौर ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस दिशा में गंभीरता पूर्वक चिंतन करे. अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा व सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की जाए. निजी अस्पतालों में निर्धारित शुल्क का भुगतान कर कोरोना जांच कराना आम लोगों के वश की बात नहीं है. अधिक से अधिक संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच के लिए निजी अस्पतालों में भी कोरोना जांच निःशुल्क किया जाए.
आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए आम जनता से पाबंदियों का अनुपालन कराने के लिए कानून पारित कर रही है. जनहित में किए जाने वाले कार्यों से राज्य सरकार पीछे हट रही है.
महापौर आशा लाकड़ा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर राज्य में पूर्ण लॉकडाउन करने की मांग करने के साथ कई अन्य मांग भी किया है.
ये मांग की
• कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार को रांची समेत पूरे राज्य में 15 से 20 दिनों के लिए लॉकडाउन करना चाहिए.
• पूर्ण लॉकडाउन किए बिना शारीरिक दूरी व मुंह पर मास्क लगाने के निर्देशों का अनुपालन कराना संभव नहीं है, क्योंकि शहर में सभी प्रकार के हाट, बाजार, दुकान, सभी प्रकार के सरकारी व निजी ऑफिस समेत अन्य संस्थान खोल दिए गए हैं.
• राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है. जिस प्रकार प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने की आवश्यकता है.
• सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के मुख्य अधिकारियों/सिविल सर्जन समेत राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व विभागीय मंत्री के साथ मुख्यमंत्री को समीक्षा कर कोविड केयर सेंटर, क्वारंटाइन सेंटर व कोरोना जांच में तेजी लाने की आवश्यकता है.
• राज्य के सभी सदर अस्पतालों में दवा की कमी व लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने की आवश्यकता है.
• रांची नगर निगम क्षेत्र में तत्काल अस्थाई कोविड केयर सेंटर (एक हजार बेड का) तैयार करने की आवश्यकता है, ताकि कोरोना संक्रिमत मरीजों को भर्ती कर बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जा सके.
• 22 जुलाई 2020 को कैबिनेट की बैठक में कोरोना की रोकथाम से संबंधित पारित नियम को पूर्ण लॉकडाउन करने के बाद ही लागू करें, ताकि संबंधित नियमावली का सख्ती के साथ अनुपालन कराया जा सके.