निरज कुमार,
रांची: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 21 जुलाई को बड़ा फैसला लिया था. सप्ताह में तीन दिन दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया था. जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान शुक्रवार, शनिवार और रविवार को बंद रखने पर सहमति बनी थी. चैंबर ने सदस्यों से अपील की थी कि वे अपनी दुकानों को बंद रखें.
मामूली असर दिखा
चैंबर की अपील का पहले दिन यानी शुक्रवार को राजधानी में मामूली असर दिखा. राजधानी की लगभग 90% दुकानें खुली रहीं. वहीं 10% दुकानें ही बंद रही.
सहमति नहीं
हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा लिए गए निर्णय में राजधानी के अन्य दुकानदार की सहमति नहीं है. वे नहीं चाहते हैं कि उनकी दुकानें सप्ताह में 3 दिन बंद रहे. यही कारण है कि राजधानी की ज्यादातर दुकानें चैंबर के निर्णय के बाद भी खुली रही.
लॉकडाउन से घाटा
दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण कुछ दिन पहले ही करीब दो महीने दुकानें बंद रही थी. इसके कारण उन्हें काफी घाटा हुआ. कर्मचारियों को भी पैसा देना पड़ा. ऐसे में यह लॉकडाउन उनके लिए मुसीबत बन जाएगी.