रांची : कोविड 19 के संबंध में झारखंड सरकार के नये कानून का वामदलों का संयुक्त प्रेस वक्तव्य के जरिये विरोध किया है.
सीपीआई के भुवनेश्वर प्र. मेहता, भाकपा माले के जनार्दन प्रसाद और सीपीएम के प्रकाश विप्लव ने कहा कि गरीबों को नि:शुल्क मास्क वितरित किए जाने तथा प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सैनेटाइजर की व्यवस्था की जाय. वामदलों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर कहा है कि कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए इस गरीब प्रदेश में 1लाख रू का जुर्माना और दो साल की सजा उचित नही है. संक्रमण रोकने के लिए एहतियात जरूरी है लेकिन इतनी सख्त सजा का प्रावधान वह भी अध्यादेश द्वारा यह आम लोगों को ही भुगतना पड़ेगा.
वामपक्ष की पार्टियों ने मुख्यमंत्री से अपील किया है कि वे अपने इस फैसले पर पुनर्विचार कर इस सख्त कार्रवाई को वापस लें. पत्र में वामदलों ने इस बात का उल्लेख किया है कि मुख्यमंत्री द्वारा हमेशा गलत नियमों और कानूनों का विरोध किया जाता रहा है, इसलिए वे इस मामले पर लचीला रवैया अपनायेंगे. इस प्रावधान का दुरुपयोग भी होगा क्योंकि इसे लागू करने के उत्साह में पुलिस की भूमिका पर कोई नियंत्रण नहीं रहेगा.
वामदलों ने मुख्यमंत्री को उनके द्वारा पिछले दिनों बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक मे वामदलों के उन सुझावों पर गौर करने की अपील की है जिसमें कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रखंड स्तर तक राजनीतिक दलों, जन संगठनों, सामाजिक संगठनों और ट्रेड यूनियनों के कार्यकताओं को लेकर एक कमिटी बनाए जाने की बात कही गई थी.जनता के सहयोग से बडे पैमाने पर जागरूकता अभियान संगठित कर आम लोगों को सहयोग के लिए प्रेरित किया जा सके.क्यो कि बिना जनसहयोग के इस गंभीर समस्या से निपटना संभव नहीं है.