रांची: झारखंड प्रदेश प्रोफेशनल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल ने आज झारखंड सरकार के कृषि एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख को एक सुझाव पत्र लिखा.
उन्होंने पत्र के माध्यम से बिरसा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय के अंतर्गत पांच खोले गये काॅलेजों को आईसीएआर से मान्यता दिलाने से संबंधित महत्वपूर्ण बात रखी.
जायसवाल ने कृषि मंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि पूर्वीवर्ती भाजपा की सरकार ने चार वर्ष पूर्व बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत पांच नये काॅलेज खोले गये लेकिन भारतीय कृषि अनुंसाधन परिषद से मान्यता नहीं दिला सकी है.
जबकि राज्य सरकार ने केवल अपना एनओसी दे दी है. लेकिन आईसीएआर/वीसीआई से मान्यता लेना अनिवार्य माना जाता है. ऐसे में काॅलेजों को मान्यता नहीं मिलने पर यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की डिग्री पर तकनीकी रूप से प्रश्न चिह्न लग सकता है.
उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य के पांच जिलों में क्रमशः गोड्डा में सिदो-कान्हू काॅलेज ऑफ अग्रीकल्चर, देवघर-रवीन्द्र नाथ टैगोर आॅफ एग्रीकल्चर, गढ़वा- काॅलेज ऑफ एग्रीकल्चर, गुमला- काॅलेज ऑफ फिशनरी साइंस एवं दुमका में फूलो झानो काॅलेज ऑफ डेयरी साइंस की स्थापना की गई है. फिलहाल विवि प्रशासन ने छात्रहित में विवि के अंतर्गत कैंपस में पूर्व से चल रहे संकाय के साथ इसे जोड़कर डिग्री देने पर विचार किया है.
झारखंड प्रदेश प्रोफेशनल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को सुझाव देते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय के नियमानुसार स्थापित काॅलेज का चार वर्ष पूरा होने पर आईसीएआर से मान्यता मिल जाती है.
इस दिशा में पहल करते हुए पांचों काॅलेजों को भारतीय कृषि अनुंसाधन परिषद से मान्यता दिलाने एवं छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए यथाशीघ्र कार्रवाई करने की कृपा की जाये.