सुरुर रज़ा,
रांची: यूं तो बिजली विभाग लगातार मेंटेनेंस के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च करता है. इसके बावजूद भी बिजली की समस्या जस की तस बनी है. शहर में बहुत सारे बिजली के तार और पोल जर्जर हो चुके हैं. सड़क किनारे बिजली के तार झूल रहे हैं. वे कहीं ना कहीं दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहे हैं. बरसात के मौसम में खास ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि सबसे ज्यादा इसी मौसम में करंट लगने का डर रहता है.
रांची स्मार्ट सिटी की फेहरिस्त में शामिल है, परंतु स्मार्ट सिटी की तर्ज पर ना तो यहां नालियों की व्यवस्था की गई है और ना ही बिजली की. कुछ दिनों पहले कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे के छोटे भाई गौतम दुबे को बिजली के नंगे वायर से झटका लगा था. इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट किया गया. सड़क पर झूलते तार सभी लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकते है. बिजली विभाग को इसपर खास तौर से ध्यान देने की जरूरत है. राजधानी में बहुत सारी जगह है, जहां पर झूलते हुए तार आपको दिख जाएंगे.
लोगों का कहना है कि इस मामले को लेकर बहुत बार शिकायत भी की गई है. परंतु तार को ठीक नहीं किया गया. बरसात के मौसम में यह बहुत खतरनाक हो सकता है. कुछ-कुछ जगहों पर एक ही खम्बे पर बिजली टेलीफोन और केबल के तार बंधे हुए हैं, जिससे दुर्घटना होने की आशंका बढ़ जाती है.