मोतिहारी: संग्रामपुर उतरी भवानीपुर के निहालु टोला में बाढ़ के पानी से टूटे बांध की मरम्मती में संवेदक द्वारा की जा रही अनियमितता को लेकर बुधवार को स्थानीय लोगों ने आक्रोश जताया है. इसको लेकर संवेदक समेत स्थल पर मौजूद पदाधिकारी थोड़े देर के लिए असहज होकर इधर उधर निकलने के लिए बेचैन हो गए. हांलाकि, कुछ लोगों के समझाने-बुझाने के बाद ग्रामीण शांत हुए.
ग्रामीण व सामाजिक कार्यकर्ता नवल कुशवाहा, लक्ष्मण कुशवाहा, चंदा देवी, रामायण प्रसाद, राज कुमार तिवारी, रामबाबू साह, सूरज कुमार समेत कई लोगों ने बताया कि एक तो बांध टूटा उनका घर में रखा सभी समान नष्ट हो गया. जब इसकी मरम्मत की बात आई तो अधिकारियों व संवेदक द्वारा सरकारी मानक के अनुरूप कोई काम नहीं किया जा रहा हैं.
कारण कि उसमें डाले जाने वाले बोरा में बालू की जगह कीचड़ युक्त मिट्टी भर कर डाला जा रहा हैं. यह नियमावली के विपरीत है. ऐसा लगता हैं कि बांध में लगाई जा रही राशि का अधिकारी व संवेदक बंदरबांट करने जुटे हैं. ग्रामीणों का कहना था कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. इस बाबत पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रणधीर कुमार उर्फ नन्हे सिंह ने कहा कि जिस तरह विभागीय पदाधिकारी व संवेदक कार्य करवा रहें हैं. इस बार तो उतरी भवानीपुर बच गया लेकिन अगली बार दक्षिणी भवानीपुर व बरवा समेत कई गावों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
वहीं केसरिया के विधायक डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि निहालु टोला में टूटे चम्पारण तटबंध की मरम्मत में अगर बालू की जगह कीचड़युक्त मिट्टी डाल कर मरम्मत किया जा रहा है तो इससे बांध और कमजोर होगा. संवेदक को बालू ही डालना चाहिए. अगर इसमें सुधार नहीं होगा तो आगामी विधानसभा सत्र में इस मामले को उठाया जाएगा.
उमानाथ राम, अधीक्षण अभियंता, चंपारण प्रमंडल मोतिहारी ने कहा कि बोरी में बालू ही डालना है. यदि बालू उपलब्ध नहीं हो तो मिट्टी को बोरी में डालकर उसे डालना है. यदि संवेदक बालू की जगह कीचड़युक्त मिट्टी बोरे में भरवा रहा है तो इसकी जांच होगी.