रंजीत कुमार,
सीतामढ़ी: मेजरगंज प्रखण्ड क्षेत्र से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. विगत चुनाव में निर्वाचित सभी मुखियाओं के नामांकन फाइल प्रखंड निर्वाचन कार्यालय से गायब हो गई है.
आरटीआई से सूचना मांगने के बाद उक्त मामला प्रकाश में आया है जहां उक्त मामला सामने आने के बाद अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. वहीं कई कर्मचारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.
ज्ञात हो कि 6 माह पूर्व खैरवा के ग्रामीण वीरेंद्र शाह के द्वारा सूचना अधिनियम के तहत मुखिया द्वारा नामांकन के समय समर्पित आय-घोषणा पत्र की छाया प्रति की मांग की गई थी. जिसके बाद यह काला सच उजागर है.
इस संबंध में बीडीओ अमर कुमार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि जब निर्वाचन हुआ उस समय तत्कालीन बीडीओ सुमन सिंह थे. वहीं उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार से मांग करने पर यह मामला प्रकाश में आया है और फाइलों की तलाश की जा रही है फाइल नहीं मिलने पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.
जबकि आवेदक वीरेंद्र साह के अनुसार सिर्फ निर्वाचित मुखियाओं का आय घोषणा पत्र से संबंधित फाइल गायब होना कई सवालों को खड़ा करता है.
साथियों ने उन्होंने आरोप लगाया है कि कार्यालय के निर्वाचन कर्मियों व कस्टोडियन के मिलीभगत से चल अचल संपत्ति घोषणा पत्र गायब करने के लिए फाइल को गायब किया गया है, ताकि मुखिया के द्वारा अवैध रूप से अर्जित अकूत संपत्ति का भंडाफोड़ नहीं हो पाए. चल-अचल संपत्ति की फाइल गायब होने पर जहां प्रशासनिक महकमा में हड़कंप मच गया है. वहीं अब फाइल की तलाश शुरू कर दी गई है.