नई दिल्ली: आज बाल गंगाधर की 100वीं पुण्यतिथि है. जिन्होंने ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का नारा. दिया था महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि है. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक वो महान शख्सियत थे, जिन्होंने ‘स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ का नारा दिया था, अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई में इस नारे का काफी महत्व है.
एक अगस्त 1920 को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का मुंबई में देहांत हो गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी पुण्यतिथि पर बाल गंगाधर तिलक को याद किया है और लगभग साढ़े तीन मिनट की एक वीडियो अपने ट्विटर हैंडल से शेयर की है. पीएम मोदी ने लिखा कि आज के दिन सभी लोकमान्य तिलक को नमन करते हैं और उनके साहस, वीरता और स्वराज के सपने को याद करते हैं.
अंग्रेजी और मराठी भाषा में शुरू किए समाचार पत्र
बाल गंगाधर तिलक एक राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक और वकील थे. वो अंग्रेजी शिक्षा के घोर आलोचक थे, वो मानते थे कि अंग्रेजी शिक्षा भारतीय सभ्यता का अनादर करती है. पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज की मांग उठाई.
इसके अलावा लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजी भाषा में मराठा दर्पण और मराठी भाषा में केसरी दो दैनिक समाचार पत्र शुरू किए. केसरी में छपने वाले उनके लेखों की वजह से उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा था. बाल गंगाधर तिलक अपने पत्रों के माध्यम से अंग्रेजी हुकुमत की काफी आलोचना करते थे.