ब्यूरो चीफ
राज्य के पर्यटन, कला संस्कृति और खेलकूद मंत्री अमर बाउरी ने कहा है कि झारखड का face off पूरी दुनिया में बढ़ा है. पहले झारखंड की छवि नकारात्मक थी, अब झारखंड की कला संस्कृति, परंपरा की पहचान बर्लिन, लंदन, मकाऊ जैसे शहरों तक पहुंच रही है. यहां पर लगे पर्यटन मेले में झारखंड का प्रतिनिधित्व कराया गया. कला, संस्कृति से झारखंड की पहचान बनी है. देवघर के श्रावणी मेले का प्रचार-प्रसार अंतरराष्ट्रीय फलक तक पसर चुका है. अब देवघर, वासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास के जरिये लोगों को इंटरनेशनल सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है.
सूचना भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बाउरी ने कहा कि झारखंड में देशी पर्यटक ही नहीं, विदेशी पर्यटकों की संख्या भी दोगुनी से अधिक हो गयी है. 2015-16 में जहां झारखंड के पर्यटन स्थलों में 1.80 करोड़ पर्यटक पहुंचे, वहीं 2018-19 में यह संख्या बढ़ कर 3.54 करोड़ तक पहुंच गयी. इस दरम्यान विदेशी पर्यटकों की संख्या 22 हजार से बढ़ कर 1.76 लाख पहुंच गयी. होटलों की आक्यूपेंसी दोगुना से अधिक हो गयी. पर्यटक स्थलों पर 76160 युवक युवतियों को पर्यटक मित्र बनाया गया.
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बाउरी ने कहा कि झारखंड सरकार की नयी फिल्म प्रचार और प्रसार नीति का काफी बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. अब झारखंड के पतरातू, मैक्लुस्कीगंज समेत अन्य जगहों पर देश भर के फिल्म निर्माता आकर अपनी फिल्म बना रहे हैं. इससे भी झारखंड की पहचान बढ़ रही है. पिछले वर्ष गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टीवल में झारखंड को थीम स्टेट बनाया गया था.
उन्होंने कहा कि पर्यटकीय, धार्मिक और आध्यात्मिक महोत्सव सरकार द्वारा आयोजित की जा रही है. सूरजकुंड मेले में भी झारखंड ने अपनी छाप छोड़ी है. राजधानी के इटकी स्थित ब्रांबे में होटल मैनजमेंट एंड कैटरिंग की कक्षाएं इस वर्ष से शुरू कर दी गयी हैं. देवघर में फूड एंड बेवरेज ट्रेनिंग की सुविधाएं दी जा रही हैं. दशम, पंचघाघ, मैथन, हुंडरू और अन्य जगहों पर एडवेंचर स्पोर्टस भी आयोजित किये जा रहे हैं.
विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि सरकार की तरफ से होटवार खेल कांपलेक्स में सीसीएल के साथ मिल कर युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. यहां पर उन्हें रहने, प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. 5.48 लाख युवाओं में से 500 का चयन किया गया है. रांची और देवघर में वरीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने की सुविधाएं भी दी गयी हैं. उन्होंने कहा क झारखंड के जंगल, वण्य प्राणी, जनजातीय लाईफ, कला संस्कृति हमारा यूएसपी है.