● दिनांक – 3अगस्त 2020
● दिन – सोमवार
●विक्रम संवत – 2077
●शक संवत – 1942
●अयन – दक्षिणायण
●ऋतु – वर्षा
●मास – श्रावण
●पक्ष – शुक्ल
● तिथि – पूर्णिमा 21:27 तक तदुपरांत प्रतिपदा
●नक्षत्र – उत्तराषाढा 07:17 तक तदुपरांत श्रवण
●योग – प्रीति 06:37 तक तदुपंरात आयुष्मान
●करण- विष्टिभद्र 09:34 तक तदुपरांत बव 21:27 तक…. बालव
● दिशाशूल – पूर्व, दक्षिण पूर्व , यदि आवश्यक हो तो दर्पण देख कर यात्रा प्रारम्भ करें.
●चन्द्र राशि- मकर
●सूर्य राशि- कर्क
●सूर्य नक्षत्र- आश्लेषा
●चन्द्र नक्षत्र- उत्तराषाढा 07:17 तक तदुपरांत श्रवण
●सूर्योदय – 05:59
◆सूर्यास्त – 19:06
● राहुकाल – 7:30-9:00
● अभिजीतमुहूर्त – 12:07 – 12:59
●शुभ रंग-श्वेत
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★★ आज का चौघड़िया :-
अमृत- 05:59 – 07:38
शुभ – 09:16 – 10:55
चर – 14:11 – 15:50
लाभ – 15:50 – 17:28
अमृत- 17:28 – 19:06
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★★ तिथि विशेष :-
श्रावण पूर्णिमा, रक्षा बंधन
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★★ आज का विचार :-
◆◆ रक्षाबंधन अर्थात् संरक्षण का एक अनूठा रिश्ता, जिसमें बहनें अपने भाइयों को राखी का धागा बाँधती है,और ये कोई ज़रूरी नहीं है, कि वे उनके अपने सगे भाई ही हों, वह अन्य किसी को भी राखी बाँधकर बहन का रिश्ता निभाती हैं.”रक्षा बंधन “* रक्षा + बंधन दो शब्दों से मिलकर बना है.रक्षा बंधन के महत्व को समझने के लिये सबसे पहले इसके अर्थ को समझना होगा.अर्थात एक ऐसा बंधन जो रक्षा का वचन लें. इस दिन भाई अपनी बहन की रक्षा के दायित्वों का वचन अपने ऊपर लेते है.रक्षा बंधन का पर्व विशेष रुप से भावनाओं और संवेदनाओं का पर्व है.एक ऐसा बंधन जो दो जनों को स्नेह के धागे से बांध ले, श्रद्धा व विश्वास के धागे से बांध ले.सबसे महत्वपूर्ण बात जीवन में रक्षाबंधन त्यौहार के माध्यम से जीवन में उत्सव का वातावरण बनें,एक दूसरे के प्रति प्रेम, कर्तव्य पालन और रक्षा का दायित्व हो,जीवन खुशियों से भरपूर हो.यही हमारी शुभकामना है.
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★★ रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त :-
◆◆ राखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए. कहते हैं कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांध दी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया. 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है. राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा. दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है. इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9.30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है.
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★★ आज का मंत्र :-
.. ऊँ नमः शिवाय ..
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★★ सुभाषितानि :-
मूर्खस्तु परिहर्तव्यः
प्रत्यक्षो द्विपदः पशुः.
भिनत्ति वाक्य शूलेन
अदृश्ययं कण्टकं यथा..
◆ भावार्थ :- मूर्ख व्यक्ति को दो पैरों वाला पशु समझकर त्याग देना ही उचित है, क्योंकि वह अपने मूर्खतापूर्ण शब्दों से शूल के समान उसी तरह भेदता रहता है, जैसे अदृश्य कांटा चुभकर पीड़ा देता है.
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★★ आरोग्य सलाह :- ◆◆ खांसी और फ्लू से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल :-
◆◆ मौसम में परिवर्तन होने पर सर्दी, खांसी और फ्लू का संक्रमण होना आम बात है. लेकिन यह समस्याएं ठीक होने में काफी वक्त लेती हैं, और कई बार तो आपके द्वारा किए गए सारे जतन इन पर नाकाम साबित होते हैं, लेकिन खानपान पर ध्यान देकर, इन्हें आसानी से रोका जा सकता है. आइए जानते हैं, सर्दी, खांसी और फ्लू का संक्रमण होने पर किन बातों का रखें ध्यान :-
◆◆ क्या खाएं :-
◆ 01. दिनभर खूब पानी पिएं, लेकिन पानी उबला हुआ हो इस बात का ध्यान रखें. कम से कम 6 से 7 ग्लास लिक्विड डाइट जरूर लें.
◆ 02. लहसुन और मिर्च को भोजन में शामिल करें. लहसुन गर्म होने के साथ ही एंटीबैक्टीरियल होता है, और मिर्च में कैप्सैसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो नेजल और साइनस कंजेक्शन ठीक करने में सहायक होता है.
◆ 03. विटामिन- सी युक्त फल और सब्जियों का प्रयोग अधिक से अधिक करें. मशरूम, नींबू और शहद को डाइट में शामिल करें.
◆ 04. जिंक युक्त भोज्य पदार्थों का भरपूर प्रयोग करें. दही, साबुत अनाज को भोजन में शामिल करें.
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★★ आज और कल विशेष
◆ 3 अगस्त- रक्षाबंधन पर्व आज
◆ 3 अगस्त- संस्कृत दिवस आज
◆ 4 अगस्त- पंचक कल से होंगे शुरू