रांची: बिरला प्रोद्यौगिकी संस्थान, मेसरा में 3 अगस्त को कुलपति के पद पर डॉ इंद्रनील मन्ना, प्रोफेसर, मेटालर्जिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, आईआईटी खड़गपुर को नियुक्त किया गया.
डॉ मन्ना ने इंजीनियरिंग में पीएचडी एवं भौतिक धातु कर्म में एम्टेक आईआईटी, खड़गपुर से किया है. उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से धातुकर्म में बी.ई. किया है. डॉ मन्ना को अनुप्रयुक्त भौतिकी के क्षेत्र में कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्रेमचंद रायचंद छात्रवृत्ति (पीआरएस) भी मिली है.
डॉ मन्ना 1985 में व्याख्याता के रूप में IIT, खड़गपुर में शामिल हुए और 2003 में पूर्ण प्रोफेसर के पद पर पहुंचे और 2009 में एचएजी प्रोफेसर मार्च, 2010 में निदेशक के रूप में सीएसआईआर-सीजीसीआरआई में शामिल होने तक वह इस पद पर बने रहे. इसके बाद, उन्होंने 2012-2017 तक आईआईटी, कानपुर के निदेशक के रूप में एक विशिष्ट कार्यकाल भी संभाला.
उनके कार्यकाल में, उन्होंने कई अन्य पद संभाले हैं जैसे नेशनल कोऑर्डिनेटर ऑफ इम्पैक्टिंग रिसर्च इननोवेशन एंड टेक्नोलॉजी, एमआरएचडी मुहिम, जीओआई की एक पहल के रूप में एआरसीआई, गेल, आरआईएनएल और भेल के अनुसंधान सलाहकार बोर्डों की सदस्यता इत्यादि. प्रशासनिक दायित्व संभालने से पहले, डॉ मन्ना ने आईआईटी खड़गपुर में 25 साल तक विभिन्न विषयों को पढ़ाया.
उन्होंने दुनिया भर के 100 से अधिक संस्थानों में विभिन्न क्षमताओं में व्याख्यान दिया है जैसे स्टटगार्ट में मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट, क्लेस्टल के तकनीकी विश्वविद्यालय, वारसॉ में यूनिप्रेस, लिवरपूल विश्वविद्यालय, नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और उल्म विश्वविद्यालय.
डॉ मन्ना ने 250 से अधिक जर्नल प्रकाशनों में योगदान दिया है, 6000 से अधिक उद्धरण एकत्र किए हैं, 25 पीएचडी शोधों का पर्यवेक्षण किया और आईआईटी-खड़गपुर में कई उच्च मूल्य प्रायोजित परियोजनाओं का संचालन किया है. डॉ मन्ना भारतीय धातु संस्थान के पूर्व अध्यक्ष एवं आईएनएई के पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. इससे पूर्व संस्थान में डॉ एस कोनार प्रभारी कुलपति के तौर पर थे.