जमशेदपुर : विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर जमशेदपुर के बिस्टुपुर में मेडिका अस्पताल के कर्मियों का मुद्दा उठाया है. सरयू राय ने लिखा है कि मेडिका अस्पताल गत 5 वर्ष से चल रहा है. इसके पहले यह अस्पताल ‘कांतिलाल गांधी मेमोरियल अस्पताल’ के नाम से चल रहा था. विगत कुछ दिनों से सूचना मिल रही है कि सितंबर, 2020 से यह अस्पताल बंद होने जा रहा है. विगत एक सप्ताह से प्रायः प्रतिदिन मेडिका अस्पताल के विभिन्न श्रेणी के कर्मी मुझसे मिलकर अस्पताल बंद होने के बाद बेरोजगार हो जाने की चिंता व्यक्त कर रहे हैं.
सरयू राय ने लिखा है कि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग से, टाटा स्टील प्रबंधन से और मेडिका अस्पताल के जमशेदपुर प्रबंधन से अस्पताल बंद होने के कारणों के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश लगातार कर रहा हैं. सभी इस सूचना को संपुष्ट कर रहे हैं कि अस्पताल बंद होने जा रहा है. परंतु अस्पताल बंद होने का कारण और इसके बंद होने के बाद इस स्थान पर वैकल्पिक अस्पताल चलाने या नहीं चलाने के बारे में वे कोई जानकारी नहीं दे रहे है. बताया जा रहा है कि कांतिलाल गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, जिसमें टाटा स्टील प्रबंधन के वरीय अधिकारी ट्रस्टी हैं, और मेडिका प्रबंधन के बीच अस्पताल चलाने के लिए केवल 5 वर्षों का ही करार हुआ था. करार की अवधि समाप्त हो जाने और करार की अवधि के विस्तार की संभावना समाप्त हो जाने के कारण इसे बंद किया जा रहा है. यह तर्क पच नहीं रहा है, कारण कि किसी भी अस्पताल को चलाने के लिए कोई संस्था केवल 5 वर्ष की अल्प अवधि का ही करार क्यों करेगी? इसका संतोषजनक उत्तर अधिकृत रूप से नहीं मिल रहा है. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव अथवा स्वास्थ्य मंत्री या स्वास्थ्य सविच के स्तर से एक स्पष्ट वक्तव्य इस बारे में आना चाहिए.
विधायक ने अपने पत्र में लिखा है कि यह समय कोविड-19 के संकट का है. ऐसे समय में लंबे समय से कार्यरत एक अस्पताल का बंद होना चिंताजनक है. एक ओर जमशेदपुर में ढंग का कोई नया अस्पताल कई वर्षों से नहीं आया है. एमजीएम अस्पताल की स्थिति दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रही है, टीएमएच पर मरीज संख्या का भारी दबाव है, तब जमशेदपुर जैसे शहर में एक विश्वसनीय अस्पताल के अकारण बंद होने से सरकार की साख और विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो रहा है.
एक चर्चा है कि मेडिका के बंद होने के बाद इस भवन को कोविड अस्पताल बना दिया जाएगा. यह स्मरण रखना चाहिए कि कोविड की आपदा के अतिरिक्त भी अन्य बीमारियां हैं, जो कोविड के पहले से हैं. कोविड के समय भी हैं और कोविड के बाद भी रहेंगी. इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के इलाज की भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. मेडिका अस्पताल को एक विशिष्ट अस्पताल के रूप में संचालित किया जाना श्रेयष्कर होगा. यह काम मेडिका प्रबंधन करे, कांतिलाल गांधी मेमोरियल ट्रस्ट पहले की तरह करे या कोई अन्य करे. विभिन्न श्रेणी के जो कामगार आज मेडिका अस्पताल में कार्यरत हैं, उनके रोजगार की चिंता भी कोरोना काल में सरकार को करनी चाहिये और इसके लिये उन्हें आश्वस्त किया जाना चाहिए.
अनुरोध है कि कारण चाहे जो हो, यदि झारखंड सरकार, टाटा स्टील प्रबंधन, मेडिका अस्पताल प्रबंधन की रूचि इस अस्पताल को आगे संचालित करने में नहीं है तो सार्वजनिक रूप से इसके कारण का खुलासा सरकार अधिकृत स्तर से करे. सरयू राय ने अपने पत्र की प्रतिलिपि स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव और सचिव, स्वास्थ्य विभाग को भी दी है.