बिहार: बिहार के खगड़िया जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के रजवाड़ा बहियार के निकट मंगलवार की देर शाम तेज आंधी के कारण नाव डूबने से लगभग ढाई दर्जन लोग लापता हो गए.हालांकि कितने लोगों की मौत हुई है इसकी सही जानकारी नहीं मिल पायी.घटना देर शाम होने के कारण हर कोई स्पष्ट जानकारी लेने में लगे हुए थे.
बताया जाता है कि जलस्तर वृद्धि के कारण दियारा इलाके के विभिन्न टोले से आवाजाही के लिए मानसी थाना के पांच किलोमीटर के निकट से ही नावों का परिचालन होता है.इसी दरम्यान मंगलवार की शाम लगभग 30 से 40 की संख्या में लोग नाव पर सवार होकर अपने-अपने गांव की ओर जा रहे थे.नाव जैसे ही राजवाड़ा बहियार के गंडक धार के निकट पहुंची तेज आंधी आई और लोगों में अफरातफरी मच गई.इसके कारण नाव पलट गई.हालांकि दियारा इलाके के लोगों का कहना है कि दो लोगों का शव बरामद कर लिया गया है और पांच लोग किसी तरह तैरकर वापस बाहर आए हैं.इसके बाद शेष बचे लोगों का देर शाम तक कोई पता नहीं चल पाया.
एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत शुरू किया ऑपरेशन
घटना की जानकारी मिलने के साथ ही एसडीआरएफ की टीम पांच किलोमीटर के घाट पर पहुंच कर दो बोट के साथ ऑपरेशन शुरू कर दिया.इस दौरान दोनों बोट पर एक एक स्थानीय लोगों को भी टीम ले साथ में ले गई.जिससे नदी में वह सही रास्ता बता सके.इधर टीम के साथ जा रहे सच्चिदानंद प्रसाद को लाइफ जैकेट पहनाकर एसडीआरएफ के बोट पर बैठाया गया. जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना की संभावना न रहे.हालांकि कुछ देर के बाद एसडीआरएफ की बड़ी लाइट भी लगाई थी.जिससे घाट पर पर्याप्त रोशनी हो और ऑपरेशन में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो.एसडीआरएफ की टीम द्वारा लगातार नदी में गश्त किया जा रहा था.
दो एम्बुलेंस के साथ पहुंची थी टीम
घटना के बाद अधिकारियों के टीम के साथ साथ दो एम्बुलेंस के साथ मेडिकल टीम पहुंची हुई थी.जिससे अगर किसी भी व्यक्ति को अचेतावस्था में बरामद किया जाय तो उसका तुरंत इलाज शुरू करते हुए सदर अस्पताल तक भेजा सके.इधर पांच किलोमीटर गंडक घाट पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह प्रयासी स्वयं पहुंचे हुए थे.वहीं सदर अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के अलावा डॉ. गुलसनोवर को भी तैनात किया गया था.