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सब्जियों की खेती कर मिसाल कायम करती स्वयं सहायता समूह की दीदियां
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जैविक कृषि-बागवानी से जोड़े अपने घर और परिवार को: उपायुक्त
देवघर: उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह के द्वारा जानकारी दी गयी कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु किये गए लॉकडाउन के कारण आर्थिक कामकाज एवं बाजार बंद हो जाने से गांव के गरीब तबकों को खासतौर पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर अत्यंत ही बुरा असर पड़ा है.
ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा जेएसएलपीएस के माध्यम से सखी मंडल की महिलाओं को स्वरोजगार करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है, ताकि वे अपने घरों में हीं सुरक्षित रहते हुए स्वरोजगार कर कुछ आमदनी कर सकें.
इसी कड़ी में देवघर जिला के पालोजोरी प्रखंड की रहने वाली तरुणा देवी अपने गांव के समूह से 7000 रुपये का ऋण लेकर आधुनिक विधि से सब्जियों का खेती करना प्रारम्भ की और खेती कर आज अच्छी-खासी आमदनी कर रही है.
सिर्फ इतना हीं नहीं विगत चार महीनों में तरुणा देवी द्वारा अपने खेत में सब्जियों के उत्पादन एवं इसकी बिक्री से लगभग 25000 रूपए की आमदनी भी की गयी है, जिससे ये स्वयं तो आत्मनिर्भर हुई हीं.
साथ हीं इनके घर की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है. इस संबंध में ये बताती हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के सभी नियमों का पालन करते हुए उन्होंने आधुनिक विधि से सब्जियों की खेती की एवं विगत चार महीनों में उससे इन्हें लगभग ₹25,000 की आमदनी हुई एवं उस पैसे से ये अपने घर-परिवार को अच्छी तरह चला पा रही हैं.
सिर्फ इतना हीं नहीं ये अपने क्षेत्र के दूसरे महिलाओं के लिए एक मिसाल भी पेश की है. लॉकडाउन के वजह से अपने घर के बिगड़ते हालात को बेहतर करने के जुनून ने इन्हें आत्मनिर्भर बनाया एवं अब ये अपने परिवार का सहारा बन रही हैं.
सफल किसान बनने की बात पर उन्होंने कहा कि ”पहले कभी खेती के बारे में नहीं सोचती थी, लेकिन परिस्थितिवश जब काम करने की नौबत आयी तो मन लगाकर घर पर ही सब्जियों की खेती की, जिसके फलस्वरूप आज अपने खेतों में उपजाये सब्जी को बेचकर मैं स्वयं पैसे कमा रही हूं और अपने घर में सहयोग कर रही हूं.”
उपायुक्त ने की जिलावासियों से अपील
इस दिशा में उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने आग्रह करते हुए कहा है कि सभी नागरिक एवं हर वर्ग के लोग जैसे बच्चे-बड़े, महिलायें -पुरुष, युवा-बुजुर्ग छोटे से बड़े स्तर पर जैविक कृषि-बागवानी से जुड़कर एक कदम स्वच्छता और हरियाली की ओर बढ़ा सकते हैं.
इसके अलावे उन्होंने कहा कि आज जहां स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद दीदी की आर्थिक स्थिति सिर्फ बेहतर हीं नहीं हुई है बल्कि वे अपने साथ-साथ अपने परिवार के लोगों के भी जीवनस्तर में सुधार लायी हैं और इसका जीता-जागता उदाहरण ये दीदी हैं, जो कि अपने मेहनत, लग्न और सफलता से अन्य सभी महिलाओं को भी प्रेरित करने का काम किया है.