रांचीः झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने सीएम हेमंत सोरेन को पज्ञ लिख कर कहा है कि रांची बिजली वितरण के महाप्रबंधक, मुख्य अभियंता द्वारा आपके आदेश के बाद भी पिछली सरकार में निकाले गए टेंडर जिसे निकले एक साल बीत गया को एनआईटी के सारे नियम को ताख पर रखकर एक सप्ताह पहले अपने संबंधी को लाभ पहुंचाने के लिए दे दिया .
आपके नेतृत्व में सरकार गठन के उपरांत आपने सभी विभागों को आदेश दिया था की पिछली सरकार में जो भी टेंडर निकाला गया है उसे तत्काल रद्द किया जाए. लगभग सारे विभागों ने पुराने टेंडर को रद्द कर दिया मगर बिजली वितरण रांची के महाप्रबंधक कार्यालय से निकाला गया उक्त निविदा (टेंडर नम्बर NIT NO.46/47/PR/JBVNL/2019-20) को रद्द न कर महाप्रबंधक अपने चहेते एजेंसी जेएमडी को दे दिये ,जिस फर्म के प्रबंधक के साथ महाप्रबंधक के संबंधी काम कर रहे हैं ! वह फर्म पूर्व में किसी और नाम से झारखंड में काम कर रहा था जो वर्तमान में ब्लैक लिस्टेड है . आनन-फानन में उस फर्म ने नया फर्म बनाया जो जय माता दी के नाम से है जो मूल रूप से पटना बिहार का है.
ऐसे भी पूर्व में निकाले गए टेडर में श्रम विभाग के न्यूनतम मजदूरी की दर कुछ और थी और वर्तमान में मजदूरी दर लगभग 30 से 40 % बढ़ी है मगर इस ओर महाप्रबंधक का ध्यान नहीं है. पहले से काम कर रहे मजदूरों को बढ़े हुए दर पर मजदूरी और एरियर का भुगतान करवाया जाए . इस संबंध में कई पत्र झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ की ओर से विभागीय अधिकारियों को दिया गया मगर हर जगह इन्होंने अपने पद और पावर का इस्तेमाल कर जांच होने नहीं दिया.( पत्र की प्रतिलिपि सलग्न)
नई एजेंसी के चयन होने से मजदूरों का लगभग 5 करोड रुपए एरियर के रूप में जो मिलना था वह अधर में लटकता हुआ दिखाई दे रहा है चूंकि पुरानी एजेंसी के टर्मिनेट होने के साथ ही कर्मियों का जो कोरोना के इस महामारी में भी अपना जान जोखिम में डालकर लगातार विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से बनाए हुए हैं उनकी मेहनत के पैसो का बंदरबांट रांची बिजली वितरण के महाप्रबंध सह मुख्य अभियंता के कारण किया जा सकता है .
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ आपसे करबद्ध प्रार्थना करता है कि तत्काल मौजूदा टेंडर को रद्द करवाकर रांची बिजली वितरण के महाप्रबंधक सह: मुख्य अभियंता के पूरे कार्यकाल की निष्पक्ष जांच कराएं साथ ही 2017 से लंबित कर्मियों का एरियर भुगतान का आदेश दे ताकि कोरोना के इस महामारी में थोड़ा काम कर रहे मजदूरों को घर परिवार चलाने में सहूलियत हो सके .