रांची: राज्य के 80% किसानों को खरीफ में बीज नहीं उपलब्ध हो पाया. किसानों ने किसी तरह से अपने खेत में फसल लगाया तो राज्य सरकार यूरिया उपलब्ध नहीं करा पा रही है. किसानों को ओने-पौने दामों में यूरिया खरीदने को बाध्य होना पड़ रहा है. यह आरोप भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष पवन साहू ने राज्य सरकार पर लगाया.
श्री साहू ने कहा कि आज राज्य में ₹266 के यूरिया खाद का कीमत ₹360 से ₹500 तक हो गई है ओर जिसको राज्य के किसान खरीदने को मजबूर हो रहे हैं. किसानों को कोरोना काल में सरकार मदद पहुंचाने में नाकाम रही है जहां केंद्र सरकार किसानों की आय 2022 तक दुगुनी करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है वहीं राज्य की सरकार किसानों के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं को बंद करके किसान हित का नाटक रचा रही है.
भाजपा के शासन में किसानों के हित के लिए रघुवर सरकार जहां 133 योजनाओं का संचालन करा रही थी आज उसकी संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है. राज्य में किसान हित में चल रहे मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद कर दिया गया जो किसानों को सीधा नगद राशि उनके बैंक खाते को दी जा रही थी. वह बंद कर दिया गया वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को झारखंड में लागू नहीं होने दिया गया.
किसानों को मेड को मजबूती और समृद्ध बनाने वाली मुख्यमंत्री जनबन योजना को भी सरकार ने बंद कर दिया. आज राज्य में किसानों की हालत दयनीय होती जा रही है. भारत की आत्मा किसानों में बसती है और किसान कल्याण के बिना राज्य का कल्याण असंभव है .
केंद्र की सरकार ने करो ना काल में एक लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज देकर देश के किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर कर दिया है. यही नहीं किसानों के कानून में बदलाव लाकर भी किसानों को मजबूती करने का प्रयास केंद्र सरकार के द्वारा किया गया. बेरियर मुक्त अंतर राज्य व्यापार एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम जैसे कानून में संशोधन कर केंद्र की सरकार किसानों की आय वृद्धि के बहु आयामों को तलाश रही है.
वहीं राज्य सरकार किसान हित की योजनाओं को बंद करके किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही है. राज्य सरकार प्रधानमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना में भी लाभ किसानों का नाम जोड़ने में सिर्फ दिखावा कर रही है. किसानों का नाम नहीं जोड़ा जा रहा है. राज्य में यूरिया के होलसेलरो से कमीशन खोरी हो रही है.
राज्य सरकार किसानों का आर्थिक दोहन और शोषण दोनों कर किसानों को आत्महत्या की ओर अग्रसर कर रही है. किसानों के हित में किसान मोर्चा सरकार के खिलाफ आंदोलन को बाध्य हो रही है और चेतावनी दे रही है की किसान विरोधी एजेंडे बंद करें सरकार नहीं तो सड़क से लेकर के संसद तक किसानों के हित में आंदोलन करने को विवश होना पड़ेगा .