लखीसराय: कोरोना महामारी संकटकाल के बीच मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग रोज नए नए फैसले ले रही है. जिससे कोरोना संक्रमण जांच की संख्या बढ़ हाथ ही कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सके.
स्वास्थ्य विभाग ने इसबार पूल जांच को वरीयता देने का फैसला किया है ताकि कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों की जांच हो सकें. राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर जिलाधिकारी एवं जिला सिविल सर्जन को आवश्यक आदेश दिए हैं तथा इसे सुनिश्चित कराने को कहा गया है.
वहीं सदर अस्पताल के सिविल सर्जन पदाधिकारी डॉ आत्मानंद के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कोरोना जांच की गति बढ़ाने के लिए पूल जांच तरीके का सहारा लिया जाएगा.
अन्य जांच के तरीको में लोगों को अस्पताल में घंटों लाइन में रहकर इंतजार करना होता था, जिसमें एक व्यक्ति को लगभग 20-30 मिनट का समय लगता है. लेकिन पूल जांच से एक ही वक्त में तीन से पांच लोगों की जांच की जा सकती है.
क्या होता है पूल टेस्ट
सिविल सर्जन पदाधिकारी डॉ आत्मानंद कुमार ने बताया कि पूल टेस्टिंग मतलब एक से अधिक संख्या में सैंपल को एक साथ लेकर टेस्ट करना है. साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण की जानकारी पता करना ही पूल टेस्टिंग कहलाता है. पूल टेस्टिंग का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां संक्रमण कम पाये जातें हैं.