रांची: रांची के सांसद संजय सेठ ने आज बरियतू स्थित दीपाली हस्तशिल्प उद्योग का निरीक्षण कर आत्मनिर्भर भारत के तहद लोगों को कैसे रोजगार प्राप्त हो तथा बांस उद्योग से होने वाले लाभ के बारे में अवगत हुए.
दीपावली दीदी द्वारा डॉक्टर कॉलोनी में बांस द्वारा आकर्षक घरेलू सजावटी तथा घरेलू उपयोग में लाई जाने वाली वस्तु का निर्माण किया जाता है. इसे सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त हो रहा है.
सांसद सेठ ने कहा कि आज झारखंड बंबू क्राफ्ट झारखंड का प्रमुख उद्योग हो गया है. झारखंड में 44 70 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में बांस का उत्पादन होता है.
झारखंड में कुल 25 20 मिलियन टन बांस का उत्पादन हो रहा है, जो पुरे देश का आधा बांस झारखंड में पाया जाता है. झारखंड की बंबूसानूतनस और बंबूसाबालकोआ, की मांग पूरी विश्व भर में है.
झारखंड में बांस के उत्पादन से आदिवासियों के जीवन शैली में बड़ा बदलाव आ रहा है. एक तरफ जहां बांस का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कारीगरों को हुनरमन्द बनाकर स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है.
बांस से बने उत्पादन जैसे सोफा सेट, टेबल, बैग और दैनिक उपयोग की कलात्मक सामानों की मांग हालन के दिनों में काफी बढ़ी है, जिसे इनका विश्व व्यापार भी बढ़ा है.
आज पूरे विश्व में बांस उद्योग में झारखंड का मान बढ़ा है. झारखंड का बंबू राइस और कुल्फी भी बहुत प्रसिद्ध हो रहा है. इस अवसर पर कांके के विधायक समरी लाल भी उपस्थित थे.
यह जानकारी सांसद प्रेस प्रतिनिधि संजय पोद्दार ने दी.