रांची: दी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की रांची शाखा द्वारा शनिवार को चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए भारत में बेनामी कानून संबंधी महत्वपूर्ण पहलुओं पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया.
इस वेबिनार के विशेषज्ञ वक्ता मुंबई के सीए राजीव खंडेलवाल ने बेनामी सम्पति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जब एक सम्पति दूसरे को हस्तांतरित किया जाता है, लेकिन इस सम्पति के मूल्य का भुगतान कोई तीसरा व्यक्ति करता है, तो यह एक बेनामी हस्तांतरण है और संबंधित सम्पति तीसरे व्यक्ति की बेनामी सम्पति मानी जाएगी. उन्होंने बताया की बेनामी लॉ से सम्बंधित 1988 एक्ट के अनुसार कोई भी व्यक्ति बेनामी हस्तांतरण में शामिल नहीं हो सकता है.
वर्तमान केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता में आते ही अर्थव्यस्था से काला धन समाप्त करने के लिए काफी कारगर कदम उठाया. नोटबंदी उन्हीं कदमों में से एक थी. साथ ही वर्ष 2016 में बेनामी सम्पति से सम्बंधित एक संशोधित कानून बनाई गई. जिसके अनुसार बेनामी सम्पति साबित होने पर अधिकतम सात वर्ष की जेल और आर्थिक दंड दोनों हो सकती है.
उन्होंने बेनामी सम्पति की 2016 की संशोधित कानून की कुछ मुख्य बिन्दुओं और सेक्शंस को विस्तार से बताया. उन्होंने बेनामी सम्पति से सम्बंधित विभिन्न कोर्ट के निर्णयों की भी जानकारी साझा किया और उनका असर भी बताया.
वेबीनार की अध्यक्षता कर रहे सीए प्रवीण सिन्हा ने विशेषज्ञ वक्ता से इस वेबिनार के माध्यम से जुड़े चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की जिज्ञासाओं का समाधान किया.
इंस्टिट्यूट की रांची शाखा की अध्यक्षत सीए मनीषा बियानी ने अपने अध्यक्षीय स्वागत भाषण में कहा कि यह वेबिनार बेनामी लॉ से सम्बंधित बहुत से अनसुलझे प्रावधानों को समझने में काफी मददगार साबित होगी.
वेबिनार का समापन इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के सचिव सीए प्रभात कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ. वेबीनार में तकनीकी सहयोग सीपीई कमिटी के अध्यक्ष सीए पंकज मक्कड़ ने किया.
इस वेबिनार के सफल आयोजन में इंस्टिट्यूट की रांची शाखा के उपाध्यक्ष सीए प्रवीण शर्मा, सीए स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए विनीत अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य सीए निशा अग्रवाल और सीए संदीप जालान का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
उक्त जानकारी आईसीएआई, रांची शाखा के सचिव प्रभात कुमार ने दी.