खूंटी: एक जगह एक ही व्यक्ति की रिपोर्ट पोजिटिव बतायी गयी, तो दूसरी जगह निगेटिव, आखिर लोग विश्वास किस पर करें? हुआ यूं कि खूंटी निवासी भाजयुमो जिलाध्यक्ष सह वार्ड पार्षद अनूप कुमार साहू की पिछले दिनों रांची में हुई कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गई, जबकि उसी दिन जब उक्त उन्होंने खूंटी में कोरोना की एंटीजन जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई. इस स्थिति में उक्त भाजपा नेता हैरान परेशान हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे कहां की रिपोर्ट पर भरोसा करें.
जानकारी के अनुसार अनूप साहू गत पांच अगस्त को खूंटी में एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. दुर्घटना में उनके एक पैर की हड्डी दो जगह से टूट गई है. दुर्घटना के तत्काल बाद उन्हें रांची में कचहरी चौक के समीप स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाया गया.
अस्पताल में चिकित्सकों ने बताया कि उनका ऑपरेशन किया जाएगा. इसके लिए सात अगस्त की तिथि तय की गई. ऑपरेशन से एक दिन पूर्व छह अगस्त को अस्पताल में कोरोना जांच के लिए उनका सैंपल लिया गया. सात अगस्त को ऑपरेशन के दिन उन्हें बताया गया कि उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है.
इसलिए अब उनका ऑपरेशन नहीं किया जाएगा. इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने पीपीई किट पहनकर उनके टूटे पैर में कच्चा प्लास्टर चढ़ा दिया और उनसे कहा कि इस प्लास्टर से ही पैर की हड्डी जुड़ जाएगी. वे घर लौट जाएं और 28 दिनों बाद फिर से अस्पताल पहुंचें.
भुक्तभोगी अनूप साहू ने बताया कि अस्पताल में जब उन्हें कोरोना संक्रमित बताया गया तो वे मानसिक रूप से परेशान हो गए और उन्हें समझ में ही नहीं आया कि वे क्या करें.
इसी उधेड़बुन में वे अस्पताल से वापस खूंटी लौट आए, लेकिन उनका मन अशांत रहा. इस पर उन्होंने खूंटी में भी कोरोना जांच कराने का निर्णय लिया और सदर अस्पताल में संपर्क कर एंटीजन से कोरोना की जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई.
एंटीजन जांच रिपोर्ट निगेटिव आने से उन्हें थोड़ी राहत मिली लेकिन फिर भी वे पूरी सतर्कता बरतते हुए घर में अभी आइसोलेट हैं. उनका कहना है कि सोमवार को वे फिर ट्रूनेट से कोरोना की जांच कराएंगे. इस बार भी यदि रिपोर्ट निगेटिव आई तो वे रांची के उक्त अस्पताल के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने पर विचार करेंगे.
उनका कहना है कि रांची में तीन दिनों तक अस्पताल में रहने के दौरान उनके लगभग 40 हजार रुपये खर्च हो गए लेकिन इलाज के नाम पर मात्र कच्चा प्लास्टर चढ़ाकर उन्हें वापस भेज दिया गया. उल्लेखनीय है कि ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पूर्व रांची में भी आया था.