रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और राजेश गुप्ता छोटू ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन( ईआईए) ड्राफ्ट-2020 को देश के संसाधन लूटने वाला एक और खौफनाक उदाहरण करार दिया है. उन्होंने कहा कि ईआईए 2020 ड्राफ्ट का मकसद साथ है, भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कुछ चुनिंदा सूट-बूट के मित्रों के लिए यह कदम उठा रही है. केंद्र सरकार ईआईए ड्राफ्ट को वापस ले और पर्यावरण का विनाश होने से बचाये.
उन्होंने कहा कि झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण प्रदेश है, राज्य में करीब 33 प्रतिशत वन संपदा है, केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ड्राफ्ट के माध्यम से झारखंड को भी काफी नुकसान होने की आशंका उत्पन्न हो जाती है. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी भाजपा नेताओं ने अपने कुछ चुनिन्दा साथियों को मदद पहुंचाने के लिए भूमि अधिग्रहण और वन कानून में ढील देने की कोशिश की थी, पार्टी ऐसी किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगी.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी शहर में बेरोजगारी की मार से पीड़ितों के लिए मनरेगा जैसी योजना और देशभर के गरीब वर्ग के लिए न्याय योजना लागू करने की सलाह दे रहे है, यह अर्थव्यवस्था के लिए बहुत फायदेमंद होगा. लेकिन भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राष्ट्रहित और जनहित में दिये गये हर सुझाव को दरकिनार करती रही है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में पहली बार लॉकडाउन लागू करने के पहले किसी से कोई सलाह लेने की जरूरत नहीं समझी, लेकिन आज जब पूरे देश में कोरोना संक्रमण के फैलाव के कारण स्थिति बिगड़ गयी है, तो वे राज्यों के मुख्यमंत्री और सचिवों के साथ चर्चा कर रहे है. केंद्र सरकार द्वारा बिना सोचे समझे लिये गये निर्णय के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. देश में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए है, लेकिन स्थिति में सुधार लाने को लेकर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गयी है, भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में अस्पताल बनाने की जगह देशभर में भाजपा दफ्तर बनाने में लगी है. देश में हजारों लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो चुकी है, इन मौतों की जवाबदेही लेने से केंद्र सरकार बच नहीं सकती है.