नई दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक अपनी ‘सामुदायिक मानक प्रवर्तन रिपोर्ट ‘ का बाहरी ऑडिटरों से स्वतंत्र सत्यापन कराएगी. फेसबुक की यह रिपोर्ट उसकी कंटेंट नीति के अनुपालन और उससे जुड़े आंकड़ों को दिखाती है.
अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने ऐसी पहली रिपोर्ट मई 2018 में पेश की थी. इसका मकसद कंपनी के सामुदायिक मानकों का उल्लंघन करने वाले छह प्रकार के कंटेंट (फेसबुक पर डाली जाने वाली पोस्ट, फोटो, वीडियो इत्यादि) पर नजर रखना है. कंपनी की यही नीति बताती है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर क्या पोस्ट किया जा सकता है.
वर्तमान में कंपनी फेसबुक पर 12 और इंस्टाग्राम पर 10 तरह के उल्लंघन पर नजर रखती है. इसमें किसी को ऑनलाइन धमकाना या परेशान करना, नफरत फैलाने वाले भाषण, आतंकवादी संगठन या गतिविधियों में संलिप्त होना और संगठित घृणा और हिंसक कंटेंट इत्यादि शामिल हैं.